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LUCKNOW(22 Sept): किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सीनियर रेजीडेंट पदों पर हो रही भर्तियों में जुगाड़ हावी है। मेरिट को किनारे कर एचओडी के कहने पर ही डॉक्टर्स की भर्ती का खेल जारी है। ऐसे ही विभाग के एक टॉपर को सीनियर रेजीडेंट पर भर्ती न करके प्राइवेट और दूसरे कॉलेज के डॉक्टर्स को वरीयता देने पर एमडी डॉक्टर ने वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट से शिकायत की है।

 

टैलेंट पीछे और सोर्स आगे

केजीएमयू में विभागों में मरीजों के इलाज के लिए सीनियर रेजीडेंट पदों पर भर्तियां की जाती हैं। हर वर्ष लगभग 150 से अधिक सीनियर रेजीडेंट विभिन्न विभागों में रखे जाते हैं। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में भर्तियां हुईं, लेकिन उसमें मेरिट और टैलेंट को दरकिनार किया गया। केजीएमयू के बाल रोग विभाग से इसी वर्ष एमडी पूरा करने वाले डॉ। शशांक मिश्र ने वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट से मिलकर मेरिट का मर्डर करने का आरोप लगाया है। वीसी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि डॉ। शशांक ने केजीएमयू से ही एमबीबीएस और एमडी पीडियाट्रिक्स किया। लेकिन सीनियर रेजीडेंट की भर्ती के समय अन्याय किया गया। डॉ। शशांक ने पत्र में आरोप लगाया है कि टैलेंट को इग्नोर करते हुए सिर्फ इसलिए सेलेक्शन नहीं किया गया क्योंकि उन्होंने पिछले वीसी के कार्यकाल में पेशेंट केयर के लिए दवाओं की कमी और रेजीडेंट्स व इंटर्नस के लिए आवाज उठाई थी। डॉ। शशांक ने बताया कि जितने भी सेलेक्शन हुए हैं उनकी मेरिट उनसे कम थी, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।

 

लो-मेरिट वालों का सेलेक्शन

डॉ। शशांक मिश्रा ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट से बातचीत करते हुए कहा कि केजीएमयू में मेरिट को इग्नोर कर अपने पसंद वालों को ही भर्ती किया जाता है। गौरतलब है कि पूर्व वीसी के कार्यकाल के दौरान डॉ। शशांक रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट थे और कई बार उन्होने मरीजों को हो रही दिक्कत के लिए आवाज उठाई थी। शायद यही कारण है कि विभागीय डॉक्टर्स को बात नागवार गुजरी। डॉ। शशांक ने आरोप लगाया कि उन्होंने वीसी से शिकायत की थी और वीसी ने मेरिट देखते हुए सेलेक्शन को कहा था। लेकिन उनकी भी नहीं सुनी गई। जिसके बाद डॉ। शशांक ने उत्तराखंड के कॉलेज में अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी है।

 

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने किया था खुलासा

29 जून 2016 में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 'केजीएमयू में जॉब फिक्सिंगÓ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर खुलासा किया था कि किस प्रकार से केजीएमयू मे नान पीजी जेआर व सीनियर रेजीडेंट पदों पर भर्ती में धांधली की जा रही है। वैकेंसी निकलने से पहले ही कैंडीडेट के नाम तय कर दिए जाते हैं। उस समय वीसी प्रो। रविकांत ने आगे से सभी भर्तियां लिखित पेपर के आधार पर कराने की बात कही थी। लेकिन धांधली रुकी नहीं और लगातार मेरिट का गला घोंटा जा रहा है।

 

क्या बोले


सीनियर रेजीडेंट की भर्ती कमेटी इंटरव्यू के आधार पर होती है। जिसमें विभागाध्यक्ष, सीएमएस, एमएस, एससी एसटी नामिनी होते हैं। यह भर्ती कार्य दक्षता और उपयोगिता के आधार पर होती है। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है।

प्रो. एमएलबी भट्ट, वीसी केजीएमयू

 

मेरिट के आधार पर सेलेक्शन होना चाहिए और ऐसा नहीं किया गया तो मामले की जांच की जानी चाहिए।

डॉ. नवनीत कुमार, प्रेसीडेंट, केजीएमयू टीचर्स

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