AGRA : डॉ। भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में बीएड के कई सत्रों में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ। शिक्षा माफियाओं ने धड़ल्ले से रोल नंबर जनरेट किए। बीएड की मार्कशीट में नंबर बढ़वाए गए। अब जब हाईकोर्ट ने इस मामले में एसआईटी को लगाया, तो इन शिक्षा माफियाओं के गले सूख रहे हैं। फर्जीवाड़े का खेल छुपाने के लिए अब ये शिक्षा माफिया नया पैंतरा खेल रहे हैं।

ऐसे किए रोल नंबर जनरेट

रोल नंबर जनरेट करना इन शिक्षा माफियाओं के बाएं हाथ का खेल रहा। यदि इनके संपर्क में कोई आया, तो उसे इस बात का झांसा दिया जाता था, कि न परीक्षा, न कॉलेज बस रकम दो और बीएड की डिग्री ले जाओ। इसके लिए शिक्षा माफियाओं ने यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारियों से सेटिंग कर रखी थी। इसी सेटिंग के जरिए यूनिवर्सिटी के चार्ट में एक नया रोल नंबर दर्ज किया जाता, उस पर नंबर चढ़ाए जाते और फर्जी मार्कशीट बनाकर स्टूडेंट को दो दी जाती थी।

कॉलेज में नहीं रिकार्ड

जितने भी रोल नंबर जनरेट किए गए, ये यूनिवर्सिटी से हुए। इनका कोई रिकॉर्ड कॉलेज में नहीं था, लेकिन यूनिवर्सिटी के चार्ट में कॉलेज का जिक्र जरूर किया जाता था। इस मामले का खुलासा तभी हो सकता था, जब संबंधित स्टूडेंट की मार्कशीट को लेकर कॉलेज ले जाया जाए और वहां पर स्टूडेंट का रिकॉर्ड देखा जाए।

बचने के लिए चल रहा ये खेल

सूत्रो की मानें तो शिक्षा माफियाओं के इस खेल पर एसआईटी की नजर है। अब शिक्षा माफियाओं ने अपने पुराने ग्राहकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। उनकी मार्कशीट देखकर कॉलेज में रिकॉर्ड दर्ज कराया जा रहा है, जिससे जब एसआईटी की टीम यूनिवर्सिटी के चार्ट लेकर कॉलेज पहुंचे भी, तो उसे वहां पर स्टूडेंट के सभी रिकार्ड मिलें।

एक सप्ताह बाद फिर है सुनवाई

हाईकोर्ट में डॉ। भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में हुए बीएड फर्जीवाडे़ को लेकर चार सितम्बर को अगली सुनवाई है। इस सुनवाई के लिए एसआईटी द्वारा कई पुख्ता सबूत जमा किए जा चुके हैं। अब एसआईटी तलाश कर रही है कि शिक्षा माफियाओं द्वारा कितने रोल नंबर जनरेट कराकर फर्जी मार्कशीट बांटी गई। इस संख्या को भी न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, वो भी सबूतों के साथ।