एसआईटी की पूछताछ में रेलवे अफसरों ने एडीए को एनओसी देने से किया इंकार

झूंसी स्थित रेवले की करोड़ों रुपए की जमीन घोटाले में हैरतंगेज खुलासा

इसी तरह सख्ती से चली जांच तो फंस सकती है कई अफसरों व कर्मियों की गर्दन

ALLAHABAD: झूंसी स्थित रेलवे की वेशकीमती जमीन घोटाले के प्रकरण में बुधवार को एक चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया। बयान दर्ज कराने के लिए वाराणसी से इलाहाबाद आए रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर सदानंद व रिटायर्ड रेलवे अधिकारी जयशंकर मिश्र सहित अन्य पांच लोगों से एसआईटी ने करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। साथ ही टीम ने उनके द्वारा दिए गए अभिलेखों की भी जांच की। पूछताछ में रेलवे अधिकारियों ने टीम को बताया कि उन्होंने एडीए को एनओसी नहीं दी थी। फर्जी एनओसी के जरिए भू-माफिया करोड़ों की जमीन बेचना चाहते थे। इस हकीकत को जानने के बाद टीम अब यह पता लगाने में जुट गई है कि रेलवे की तरफ से फर्जी दस्तावेज किसने जारी किया। बतादें कि प्रशासन को रेलवे की तरफ से जारी की गई एनओसी की भी जांच चल रही है।

राजस्व अफसरों पर लटकी तलवार

क्राइम ब्रांच ने तत्कालीन एडीएम प्रशासन, एसडीएम, मुख्य राजस्व अधिकारी, सब रजिस्ट्रार व सीआरओ, एडीए के अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुधवार को तलब किया था। लेकिन किन्हीं कारणों से इनमें से कोई भी नहीं पहुंचा। एसपी क्राइम बृजेश मिश्र ने बताया कि रेलवे अधिकारियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। रेलवे अफसरों का कहना है कि एडीए को रेलवे की तरफ से जो एनओसी दी गई है वह वह फर्जी है। इसकी जांच की जा रही है। अब एक नवंबर को राजस्व अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। यदि वह नहीं उपस्थित होते तो अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। यहां गौर करने वाली बात यह है कि इसी तरह से यदि सख्ती के साथ जांच की गई तो देर से ही सही कई अधिकारियों व कर्मचारियों की गर्दन मामले में फंस सकती है।