-पूर्व अफसरों की मिलीभगत से कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला

-प्रोवेशन विभाग में पूर्व अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप, एजेंसी गई कोर्ट

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ: मलाई आप खाएं, बर्तन हम साफ करें। जिला प्रोवेशन विभाग में आउटसोर्सिग से होने वाली भर्तियों पर पूर्व अफसरों की भूमिका सवालों के घेरे में आई है तो पूर्व में तैनात आउटसोर्सिग कंपनी के हाईकोर्ट में जाने से अफसरों के माथे पर पसीना नजर आ रहा है।

बंदरबाट में बढ़ा विवाद

बुलंदशहर की एक आउटसोर्सिग कंपनी को 3 साल पहले मेरठ में जिला प्रोवेशन विभाग द्वारा विभिन्न पदों पर 8 कर्मचारियों का जिम्मा दिया गया था। कंपनी की ओर से सेवा समाप्ति की अवधि नजदीक आ रही थी तो वहीं एक शासनादेश के बाद जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) को करीब 1 साल पहले तत्कालीन प्रोवेशन अधिकारी आशुतोष सिंह ने आउटसोर्सिग का जिम्मा सौंप दिया। ठेका मिलने के बाद डूडा ने पूर्व में तैनात कंपनी के कर्मचारियों में से 5 को पुन: तैनाती दे दी जबकि 3 की पात्रता पर सवाल उठाते हुए उनकी तैनाती को खारिज कर दिया। उन्हें नौकरी से निकालकर नई भर्ती कर ली।

नहीं दे पाए बेहतर वजह

डूडा ने आनन-फानन में चयन की प्रक्रिया को पूर्ण कर दिया किंतु तत्कालीन डीपीओ सिंह के रहते 3 अन्य कर्मचारियों को ज्वाइन नहीं करा पाए। इसी दौरान पूर्व डीपीओ का तबादला हो गया और मौजूदा डीपीओ एसएस पाण्डेय ने ज्वाइनिंग से इनकार कर दिया। तत्कालीन डीएम बी। चंद्रकला के निर्देश पर डीपीओ की ओर से दिए जबाव में कहा गया कि लंबे समय से विभाग के लिए काम कर रहे कर्मचारियों की अचानक डूडा ने किस आधार पर पात्रता खारिज कर दी, एजेंसी (डूडा) को सुधार के लिए कार्य दिया गया था ऐसे में पूर्व कंपनी के 5 कर्मचारियों की तैनाती बरकरार रखना भी नियम विरुद्ध है। सभी कर्मचारियों को हटाकर दूसरी भर्ती करनी थी।

कोर्ट गई एजेंसी

पूर्व में तैनात बुलंदशहर की एजेंसी प्रोवेशन विभाग पर हाईकोर्ट में मुकदमा किया है तो वहीं एजेंसी ने मांग की है कि विभाग बताए कि किस आधार पर उनकी पात्रता को रद किया गया है। बता दे कि विभाग तैनात 8 कर्मचारियों को प्रतिमाह करीब 1 लाख रुपये की सेलरी ले रहा है। बीते दिनों मेरठ पहुंचे मंडल के उप मुख्य प्रोवेशन अधिकारी निरंजन सिंह ने डूडा को बुलाकर स्थिति की जानकारी हासिल की।

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पूर्व में कंपनी की पात्रता को खारिज कर डूडा को आउटसोर्सिग का काम दिया गया था। डूडा नियम विरुद्ध की गई 3 कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद ज्वाइनिंग को लेकर दबाव बना रहा है। प्रकरण की जानकारी आलाधिकारियों को दे दी गई है।

-एसएस पाण्डेय, डीपीओ, मेरठ

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नियुक्ति के बाद 3 कर्मचारियों की ज्वाइनिंग का प्रकरण है। संबंधित अफसर को जिला प्रोवेशन विभाग के साथ कोआर्डीनेट कर ज्वाइनिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं।

-आरपी सिंह, पीओ, डूडा