कुछ ने की शुभ मूहूर्त बिलिंग तो कुछ ब्रांडेड व ओपन के चक्कर में उलझे

दूसरे दिन भी हुआ विरोध, विपक्षी दलों ने सरकार को कोसा

ALLAHABAD: शुक्रवार की आधी रात को जैसे ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी लांच किया, पूरे देश का टैक्स रिज्यूम ही बदल गया। इसका असर हर ट्रेड के साथ ही हर सामान पर भी पड़ा। जीएसटी लागू होने के पहले दिन शनिवार को मार्केट में उथल-पुथल के साथ ही व्यापारियों के बीच माथा-पच्ची की भी स्थिति रही। व्यापारियों को ये समझ में नहीं आ रहा था कि वे क्या करें। एकाउंट कैसे मैनेज करें और रेट कैसे लगाएं। वैसे कुछ चीजों पर टैक्स कम हुआ तो पब्लिक ने इसका वेलकम भी किया।

नहीं हुई पब्लिक डीलिंग

जीएसटी लागू होने के बाद पुराने बिल पर सामान की बिक्री करें या फिर नए बिल का फार्मेट आने का इंतजार करें। इसे लेकर व्यापारियों में उहापोह की स्थिति रही। इसकी वजह से कई फर्मो में शनिवार को पब्लिक डीलिंग नहीं हुई। नया बिल रेज नहीं किया गया। बल्कि पूरा दिन स्टॉक मेंटेन करने में ही निकल गया।

रेट अपग्रेडेशेन में लगे रहे व्यापारी

शनिवार को व्यापारी सबसे ज्यादा परेशान सामानों के रेट को लेकर रहे। जीएसटी लागू होने के बाद सभी सामानों का रेट बदल गया है। कई सामान जो टैक्स स्लैब से बाहर थे वे टैक्स के दायरे में आ गए हैं। कुछ सामान टैक्स से बाहर हो गए। जिन सामानों पर पांच परसेंट टैक्स लगता था, वे क्0 परसेंट या अधिक टैक्स के दायरे में आ गए। इससे पुराना रेट ही बदलना पड़ गया। अब चूंकी कच्ची-पक्की बिल का चक्कर खत्म हो गया है तो इसे भी समझना व्यापारियों के लिए चैलेंज था।

जिन दुकानों और शोरूम पर कंप्यूटर बिल निकल रहा है वहां सब कुछ साफ्टवेयर से अपडेट हो चुका है। मैनुअल बिल पर सेंट्रल और स्टेट को कितना टैक्स मिलेगा, इसे लिखा जा रहा है। कुछ स्थानों पर कंप्यूटर बिल न निकलने पर मैनुअल बिल पर जीएसटीएन नंबर की मोहर मारकर माल की बिक्री की गई। टैक्स की दरें लिखी गई।

महेंद्र गोयल

प्रदेश अध्यक्ष, कैट

कस्टमर आज हैं नहीं। अभी तक कोई फार्मेट नहीं आया है जीएसटी का। कंपनी नंबर मांग रहे हैं। जैसे इनवाइस आएगी। आनलाइन बिलिंग। जब तक सॉफ्टवेयर नहीं पड़ेगा, तब तक बिलिंग नहीं हो सकती। अभी एक-दो दिन का समय लगेगा।

तरंग अग्रवाल

पहला दिन है। व्यापारी जो बाहर से माल लेने आता है। वो जीएसटी का रजिस्ट्रेशन न होने से माल लेने को तैयार नहीं है। व्यापारी खाली बैठे हैं। हमारा माल जहां से आता है, वहां भी जीएसटी का रजिस्ट्रेशन नहीं लिया है।

मनोज अग्रवाल

सोने और चांदी पर पहले एक फीसदी टैक्स लगता था। जीएसटी लागू होने के बाद यह टैक्स तीन फीसदी हो जाएगा। इसका असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। विभाग के अधिकारियों से जीएसटी को लेकर संवाद का मौका मिला था लेकिन वह भी सवालों का सही जवाब नहीं दे पाये।

कुलदीप सोनी

अध्यक्ष

प्रयाग सर्राफा एसोसिएशन

जिन व्यापारियों के पास चार महीने से स्टाक है। उन पर कोई ढील नहीं दी गई है। इनमें वह आइटम भी शामिल हैं जो पहले टैक्स फ्री थे। जीएसटी लागू कर रहे हैं पर उसमें किसी की सुन नहीं रहे हैं।

केके अग्रवाल

फर्टीलाइजर व्यापारी

जीएसटी लगने से सारा काम खराब हो गया। कभी आटे, मैदा, सूजी, बेसन पर टैक्स नहीं रहा। आप ब्रांडेड आटा, बेसन आदि खरीदते हैं तो उस पर पांच फीसदी टैक्स देना होगा। इसके अलावा जो स्टाक रखा जाएगा, उसका खर्च बढ़ेगा।

सतीश चंद्र केसरवानी

अध्यक्ष, गल्ला एवं तिलहन संघ

टुकड़ों में कट कर बिकने वाले कपड़े पर जीएसटी लगाने से कारोबार का भविष्य ही टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा। उत्पादन लागत बढ़ेगी और कपड़े महंगे हो जायेंगे। हर महीने रिटर्न फाइल करने के लिए पेशेवर लोगों की जरूरत होगी, इससे व्यापार की लागत बढ़ेगी। कपड़े पर जीएसटी लगाकर सरकार ने तुगलकी काम किया है।

आशीष अग्रवाल

जीएसटी से पहले दाल और चावल पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगता था। अब ब्रांडेड के नाम पर भ् फीसदी टैक्स लगा दिया है। मंडी टैक्स को लेकर स्पष्ट नीति नहीं बनी है। क्0-क्भ् दिन में दालों के दाम अचानक गिर गए हैं जिससे बड़ा घाटा उठाना पड़ा है।

श्याम जी अग्रवाल

अनाज के पैक्ड आइटम पर टैक्स लगना है जबकि खुले में बिकने वाले अनाज को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। कौन का सामान पैक्ड आइटम के दायरे में है कौन नहीं इसको लेकर भी अभी अनिश्चितता बनी हुई है। सरकार की नीयत भले ठीक हो लेकिन क्रियान्वयन में खामियां हैं।

संतोष पनामा

दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था। गरीबी और महंगाई कम करने के लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए था। स्मार्ट सिटी बनाने और जीएसटी लागू करने से गरीबी दूर नहीं होगी। व्यापारी परेशान है। सामानों का रेट बढ़ेगा।

कृष्ण कुमार सिंह

जिलाध्यक्ष, सपा

नोटबंदी के बाद व्यापारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। मोदी सरकार ने जीएसटी लागू कर व्यापारियों के साथ ही आम जनता पर भी एक और भार डाल दिया है। केंद्र में सरकार बनने पर युवाओं को नौकरी का वादा किया था। आज भी लाखों युवक बेरोजगार हैं। किसान परेशान है।

अवधेश गौतम

जिलाध्यक्ष, बसपा

केंद्र सरकार ने साबित कर दिया है कि भाजपा का व्यापारियों से कोई लेना देना नहीं है। पहले से परेशान व्यापारियों पर सरकार ने जीएसटी का बोझ लाद दिया है। पब्लिक पर भी टैक्स को बोझ बढ़ेगा। अब तो मकान बनवाना भी महंगा हो जाएगा।

अनिल द्विवेदी

जिलाध्यक्ष कांग्रेस

जीएसटी से देश की अर्थव्यस्था पटरी पर आ जाएगी। व्यापारियों को कई तरह के टैक्स भरने और रिटर्न फाइलिंग से राहत मिलेगी। विपक्ष द्वारा जीएसटी को व्यापारी विरोधी बताया जाना गलत है। जीएसटी व्यापारियों के हित को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

अवधेश गुप्ता

महानगर अध्यक्ष भाजपा

सपाइयों ने रोकी गंगा गोमती एक्सप्रेस

जीएसटी लागू होने के विरोध में समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ताओं ने सुबह छह बजे ही सीएमपी डॉट पुल के पास इलाहाबाद से लखनऊ जाने वाली गंगा गोमती एक्सप्रेस को रोक कर धरना दिया। जिलाध्यक्ष संदीप यादव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में युवा कार्यकर्ता शनिवार की सुबह ही सीएमपी डॉट पुल पहुंच गए थे। भूपेंद्र श्रीवास्तव, अरुण यादव, सौरभ, प्रियांशु सोनकर, आकाश, विनीत सिंह, ऋषभ, राजवीर यादव, अनुभव तिवारी, अमर गुप्ता, रौनक आदि मौजूद रहे।

क्ख् बजे के बाद काटा शुभ मुहुर्त का बिल

जीएसटी लागू होने पर शुक्रवार की आधी रात के बाद व्यापारियों ने दीपावली व नए फाइनेंशियल ईयर की तरह जीएसटी का स्वागत किया। रात बारह बजे के बाद जैसे ही जीएसटी लागू हुई मनोकामना मार्केटिंग, अंकुर एंड कंपनी, आशीष सेल्स कारपोरेशन, मैकेनिकल डिवाइसेस के साथ ही संदीप डिस्ट्रिीब्यूटर्स ने एक-एक बिल रेज किया। बिग बाजार में भी शुभ मुहुर्त का बिल काटा गया।