- बेसिक स्कूलों में हरी सब्जियां उगाए जाने का शासन ने दिया था आदेश

- जिम्मेदारों की उदासीनता और जगह के अभाव से फाइलों में ही बंद हो गई योजना

GORAKHPUR: बेसिक स्कूलों की मिड डे मील में छात्रों को आर्गेनिक सब्जियां नसीब नहीं होने वालीं। शासन की ये योजना भी जिम्मेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। शासन का आदेश था कि सभी बेसिक स्कूल्स में किचन गार्डेन बनाया जाए जहां आर्गेनिक सब्जियां उगाई जाएंगी। यहां उगी सब्जियों का इस्तेमाल स्कूल में दिए जाने वाली मिड डे मील में किया जाना था। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता और जगह के अभाव में योजना फाइलों में ही बंद हो गई।

स्टार्ट भी नहीं हुई योजना

जिलेभर के बेसिक स्कूलों में भी पढ़ने वाले बच्चों को मेन्यू के हिसाब से मिड डे मील दिया जाता है। छात्रों को पौष्टिक तत्व मिल सकेंइसके लिए शासन ने स्कूल प्रसर में ही आर्गेनिक सब्जियां उगाए जाने की की योजना शुरू की। लेकिन किचन गार्डेन की ये योजना पूरी तरह फ्लाप होती नजर आ रही है। लेकिन न तो बेसिक शिक्षा विभाग ने इस पर विशेष बल दिया और न ही स्कूल वालों ने ही कोई रुचि दिखाई। नतीजतन किचन गार्डेन की योजना अमली जामा पहनने से पहले ही फाइलों में बंद हो गई। जबकि बेसिक शिक्षा विभाग ने मिड डे मील विभाग से स्कूलों में किचन गार्डेन लगाने की स्थिति पर एक रिपोर्ट भी मांगी थी। जिसमें मुख्य रूप से ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट देनी थी जहां विभाग की भूमि पर स्कूल बने हैं। साथ ही उनमें गार्डेन विकसित करने के लिए पर्याप्त जमीन है या नहीं, ये भी पूछा गया था। लेकिन मिड डे मील विभाग ने न तो रिपोर्ट ही बनाई और न ही जिम्मेदारों से इसके लिए दोबारा कोई रिमाइंडर ही भेजा।

सब्जियां उगाना भी सीखते मासूम

बेसिक शिक्षा विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अन्य प्रदेशों की तर्ज पर पहली बार सरकारी स्कूलों में किचन गार्डेन योजना शुरू की गई थी। लेकिन यहां अभी तक यहां इस पर फोकस नहीं किया गया है। इस योजना के तहत छात्रों को ही सब्जी उगाने की प्राथमिक जानकारी देते हुए स्कूल में किचन गार्डेन तैयार कराया जाना है। छात्रों की मदद के लिए स्कूल के टीचर्स को भी इन्वॉल्व किया जाना है। विभाग के मुताबिक चूंकि अधिकतर छात्र खेती वाली पृष्ठभूमि से आते हैं, ऐसे में खेल-खेल पद्धति पर ही उन्हें सब्जियां उगाने के तौर-तरीकों के बारे में भी बताया जाना था।

औषधीय पौधों पर देना था जोर

इन किचन गार्डेन में जहां कई औषधीय पौधों को लगाया जाना था। वहीं धनिया, लौकी, सेम, सहजन की फली व अन्य मौसमी सब्जियों पर भी विशेष फोकस किया जाना था। शासन की मानना था कि बढ़ते बच्चों को प्रोटीन की जरूरत होती है ऐसे में मिड डे मील में ऐसी सब्जियां मिलने से उनकी सेहत भी अच्छी होती।

वर्जन

किचन गार्डेन की योजना है। इसके लिए संबंधित विभाग को जिम्मा सौंपा गया है। इस योजना पर काम चल रहा है। जल्द ही इसे ठीक से लागू किया जाएगा।

- राम सागर पति त्रिपाठी, बीएसए, गोरखपुर