- एआरटीओ प्रशासन ने जारी किए स्कूलों को नोटिस
BAREILLY:
बरेली के स्कूल व्हीकल्स कोहरा में चलने के लायक नहीं हैं। वाहनों में न तो रिफ्लेक्टर लगे हैं और न ही फॉग लाइट। स्टूडेंट्स की सुरक्षा को ताक पर रखकर स्कूल ओनर्स व्हीकल्स का संचालन कर रहे हैं, जो हादसे का सबब बन सकता है। जिसे देखते हुए एआरटीओ प्रशासन ने स्कूल ओनर्स को नोटिस जारी किया है। कहा है कि 15 नवंबर तक यदि वाहनों में रिफ्लेक्टर और फॉग लाइट लगी हुई नहीं मिली तो, वाहन सीज की कार्रवाई की जाएगी।
एमवी एक्ट का नहीं हो रहा पालन
आरटीओ में टोटल 583 बस और 300 स्कूली वैन रजिस्टर्ड हैं। लगभग 2 हजार ऑटो व टेम्पो भी स्कूली बच्चों को ढोने का काम कर रहे हैं। इनमें से मैक्सिमम वाहन एमवी एक्ट का पालन नहीं कर रहे हैं। पेरेंट्स समय की कमी के चलते स्कूली वाहन में बच्चे भेजने को मजबूर हैं, जिसका फायदा स्कूली वाहन उठा रहे हैं। ऑटो चालकों ने सुरक्षा की दृष्टि से जाली भी नहीं लगा रही है। इतना ही नहीं अपनी सीट के बगल में मासूम बच्चों को बैठा कर चल रहे है। न तो ट्रैफिक पुलिस को इससे कोई सरोकार है और न ही आरटीओ को।
क्या होनी चाहिए व्यवस्थाएं
- वाहनों में रिफ्लेक्टर लगा होना चाहिए।
- सर्दी में फॉग लाइट का होना जरूरी।
- हर वाहन में अग्निशमन यंत्र होना चाहिए।
- वाहन का फ्लोर बच्चों के अनुसार नीचा हो।
- वाहन की खिड़कियों पर जाली लगी होनी चाहिए।
- वाहन में हेल्पर अवश्य हो।
- शहरी क्षेत्र के वाहन सीएनजी चालित हों।
- वाहन पीले रंग से रंगे हुआ हो।
- स्कूल वाहन का परमिट हो।
बॉक्स
- 37 सीबीएसई व आईसीएसई स्कूल।
- 60 हजार स्कूली बच्चों की संख्या।
स्कूली वाहनों की संख्या
- 1200 ऑटो।
- 600 टेम्पो।
- 583 बस।
- 300 वैन।
कितने बच्चे बैठा सकते हैं
- 7 बच्चे वैन।
- 3 बच्चे ऑटो।
- बस में सीट के अनुसार।
ठंड में सुरक्षा को लेकर स्कूल संचालकों को नोटिस जारी किया जा रहा है। ताकि, वह वाहनों में रिफ्लेक्टर व फॉग लाइट की व्यवस्था करें। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।
आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन
बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान दिया जाता है। 20 नवम्बर तक सीबीएसई व आईसीएसई स्कूल संचालकों के साथ बैठक की जाएगी। जो भी नियम हैं उसका पालन होगा।
पारुष अरोरा। प्रेसीडेंट, इंडिपेंडेंट स्कूल बरेली
बहुत से स्कूलों में फॉग लाइट व रिफ्लेक्टर नहीं लगे हैं। इस संबंध में प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस को शिकायत दर्ज कराई जाएगी।
मुहम्मद खालिद जीलानी, कन्वीनर, पेरेंट्स फोरम