- स्कूली वाहनों की जांच करने निकली टीमों को मिलीं कमियां

- मौके पर ही कई कई वाहनों की खामियां दूर कराई गई

LUCKNOW: कहीं स्कूली बसों के विंडो ग्लासेज पर काली फिल्म मिली तो कहीं विंडो में ग्रिल नहीं मिली। जिन बसों में अग्निशमन यंत्र और फ‌र्स्ट एड बॉक्स नहीं मिले, उनमें तुरंत बाजार से मंगवा कर इन्हें लगवाया गया। राजधानी में स्कूली वाहनों की फिटनेस जांचने निकली परिवहन विभाग की टीम ने लगभग 150 बसों की चेकिंग की जिसमें कुछ न कुछ खामियां जरूर सामने आई।

ब्लैक फिल्म हटवाई गई

राजधानी में स्कूल वाहनों की चेकिंग के लिए आठ टीमें बनाई गई थी लेकिन शाम तक तीन टीमों की रिपोर्ट ही परिवहन विभाग को मिली। अन्य अधिकारी इस मामले में बहाना बनाते नजर आए। एआरटीओ प्रशासन राघवेन्द्र सिंह अपनी टीम के साथ सबसे पहले अंसल सिटी में जयपुरिया पहुंचे। यहां पर वाहनों की जांच के बाद उनकी टीम जीडी गोयनका, अम्बालिका इंस्टीट्यूट और गोमती नगर के एमिटी स्कूल गई। इन स्कूलों में खड़े वाहनों में मामूली कमियां मिलीं। जांच के दौरान जब कुछ स्कूल बसों में उन्हें ब्लैक फिल्म मिली तो कुछ वाहनों में चालकों और स्कूल के नंबर नहीं मिले। उन्होंने एक बस में विंडो की तरफ एक अतिरिक्त ग्रिल लगवाने का आदेश दिया।

यहां चल रहा था पर्चा

अवध कॉलिजियेट में जांच करने पहुंची टीम को स्कूल प्रशासन के साथ ही अधिकारियों ने आज चेकिंग करने से मना कर दिया। पेपर लीक की खौफ से सहमे टीचर्स ने बताया कि स्कूल में जेईई की परीक्षा चल रही है। ऐसे में चेकिंग किसी अन्य दिन की जाए। एआरटीओ प्रवर्तन प्रवीण कुमार ने सीएमएस और वृंदावन योजना में कई स्कूलों में चेकिंग की। आरआई आरपी सिंह ने भी कई गाडि़यों की फिटनेस परखी।

गाडि़यों की फिटनेस जांचने निकली हर टीम को लगभग 150 गाडि़यों की चेकिंग करनी है। 14 अप्रैल तक हर हाल में यह काम पूरा किया जाना है।

राघवेन्द्र सिंह

एआरटीओ प्रशासन

जांच में शामिल अधिकारियों से जब शाम को परिवहन विभाग के अधिकारियों ने रिपोर्ट मांगी तो एक टीम का नेतृत्व करने वाले एआरटीओ ने बताया कि मुझे कहीं कोई कमी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि जिस मोबाइल से चालान काटने थे, उसका कैमरा नहीं काम कर रहा है। वहीं कुछ अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान अधिकारियों ने अपनी जेबे गरम की है। ऐसे में उन्होंने कोई रिपोर्ट नहीं भेजी है।