शैक्षणिक सत्र को पांच माह बीते, मगर किताबें नहीं

नमूनों में अटका नौनिहालों का भविष्य

-नमूना न आने के कारण किताबों का नहीं हो पा रहा मिलान

- महज तीन क्लासों की एक-एक व एक क्लास की तीन किताब आई हैं

Meerut। बेसिक शिक्षा विभाग में पांच माह में जैसे-तैसे करके किताब आई है। अब नमूने के चक्कर में उनका वितरण रुका है। जाहिर है कि नमूने के चक्कर में नौनिहालों का भविष्य दांव पर लगा है। अभी तक महज चार क्लास की किताब आई है। जिसमें से तीन क्लास की एक-एक और एक क्लास की तीन किताब आई हैं।

नमूने से चेकिंग

बेसिक शिक्षा विभाग में अगस्त माह के अंत में किताब तो आई है। लेकिन अभी तक इसका नमूना नहीं आया है। शासन स्तर से एक नमूना तैयार किया जाता है। ये तैयार नमूना बीएसए कार्यालय को भेजा जाता है। जिसको देखकर किताब की छपाई चेक की जाती है। यदि सही है उसके बाद ही उन किताबों का वितरण किया जाता है।

इन क्लास की किताब

अभी तक चार क्लासों की किताब आई है। जिसमें क्लास एक, क्लास दो की एक, क्लास चार की एक और क्लास सात की तीन किताब आई है।

पढ़ाई का नुकसान

सत्र शुरू होने के पांच माह बाद किताब आई थी। अब नमूने के कारण वितरण में और देरी हो रही है। कब शासन से नमूना आएगा कब उसकी चेकिंग होगी और कब उसका वितरण शुरू हो पाएगा। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।

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किताब की छपाई व उसका कंटेंट चेक करने के लिए शासन से एक नमूना आता है। उसको चेक करने के बाद ही किताबों का वितरण किया जाता है। अभी तक नमूना नहीं आया है। शासन को नमूने के लिए पत्र लिखा है।

मोहम्मद इकबाल, बेसिक शिक्षा अधिकारी