-किराए के जर्जर भवनों में चल रहे स्कूलों को शिफ्ट कराने की कवायद सीएम आफिस लटकी

-चारों तरफ गंदगी, जमा बरसाती पानी और किसी भी वक्त अनहोनी की आशंका जताती दीवारों के बीच शुरू हुआ स्कूल

BAREILLY: 45 साल से किराए के भवनों में संचालित 48 प्राइमरी स्कूलों के अच्छे दिन अभी दूर हैं। इन स्कूलों की हालात हर साल बद से बदत्तर होती जा रही है। अप्रैल माह में आए भूकंप के बाद सीडीओ ने इन्हें जुलाई तक शिफ्ट करने का आदेश जारी किया था। जर्जर अवस्था वाले इन स्कूलों में कक्षाएं तो लगने लगी हैं, लेकिन बरसात के मौसम इन जर्जर भवनों में शुरू हुई कक्षाएं अनहोनी की आशंका से डरा रही हैं। क्या है स्थिति, आई नेक्स्ट ने निरीक्षण कर जानने की कोशिश की ।

सीलन भरे फर्श पर बैठ रहे बच्चे

किराए के ज्यादातर एक कमरे भर में चल रहे हैं। ऐसे में 50 दिन की छुट्टी के बाद खुले इन स्कूलों की फर्श और दीवारों पर सीलन लग गई है। ऊपर से लगातार हो रही बारिश ने इस स्कूलों की हालत और खस्ता कर दी है। बदलते मौसम में ये सीलन बच्चों की तबीयत खराब कर सकती है। प्राइमरी स्कूल सूफीटोला-1, प्राइमरी स्कूल घेर जाफर खां व अन्य में ऐसी दयनीय हालत देखने को मिली।

जर्जर हालत में है पूरा स्कूल

स्कूल पूरी तरह से जर्जर है। ऐसे में यहां पढ़ने वाले बच्चों के सिर हमेशा मौत मंडराती रहती है। प्राइमरी स्कूल सूफी टोला-1 व प्राइमरी स्कूल गंगापुर-1 की हालत बदत्तर स्कूलों में एक है। इन दोनों स्कूलों का आधे से ज्यादा हिस्सा गिर चुका है। ऐसे में अब स्कूल की पांचों कक्षाएं एक छोटे से कमरे में चलती हैं। गंगापुर-1 में तो पूरा भवन ही खत्म हो चुका है, स्कूल की इंचार्ज शिवानी बाहर खपरैल के नीचे कक्षाएं चलाती हैं।

शिफ्टिंग का इंतजार करते रह गए शिक्षक

शिक्षकों को उम्मीद थी कि जुलाई तक स्कूल शिफ्ट हो जाएंगे। फिलहाल ऐसी सूरत नजर नहीं आ रही। मई में आधिकारिक रूप से सीडीओ द्वारा आश्वासन दिया गया, कि जुलाई में स्कूल खुलने से पहले इन स्कूलों को एक पक्का आशियाना मिल जाएगा, लेकिन अब कहा जा रहा है कि सीएम के अप्रूवल के लिए शासन गई फाइल अभी तक लटकी हुई हैं।

क्या है परेशानी

1972 में बेसिक शिक्षा परिषद बनने से पहले से ही शहर के में प्राइमरी स्कूल किराए की बिल्डिंग में संचालित हैं। इन किराए की बिल्डिंग के इन स्कूलों के लिए परिषद ने कोई नियम तैयार नहीं किया। इन भवनों के मालिकों को चालीस साल पहले के मानक के अनुसार ही किराया दिया जाता है। ये किराया 5 रुपए से लेकर अधिकतम 50 रुपए तक है। ऐसे में भवन मालिक स्कूल की मरम्मत नहीं कराना चाहता। वहीं विभाग अपने खर्च से किराए के भवन की मरम्मत नहीं करा सकता।

पिछले महीने सुनने में आया कि स्कूल शिफ्ट होगा, मैं उम्मीद कर रहा था कि जुलाई में बच्चों को सुरक्षित भवन मिल जाएगा। दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। उम्मीद है जल्द शिफ्टिंग का ऑर्डर आएगा।

- सफीद अहमद खां, इंचार्ज, प्राइमरी स्कूल सूफी टोला -1

अभी शिफ्टिंग का आदेश अभी नहीं आया है। ये मामला शासन स्तर से निर्देशित हो रहा है, इसलिए प्रक्रिया पूरी होने में वक्त लग रहा है। बच्चों की सुरक्षा के प्रति विभाग सजग है।

- नरेश चंद्र पंवार, नगर खंड शिक्षा अधिकारी