मथुरा: रमन लाल शोरवाला स्कूल के नर्सरी के साढ़े तीन वर्षीय छात्र अंश अपने बड़े भाई आठ वर्षीय जय के साथ वैन से उतर कर 1.32 बजे वेन से उतर गली में होकर अपने घर जा रहे थे। दोपहर 1.33 मिनट पर सामने से गली में स्कूटी पर दो युवक आए और बस्ता समेत अंश को उठाकर ले गए। जय ने शोर मचाते अपने भाई को छुड़ाने की कोशिश, पर अपहृर्ता उसे धक्का देकर अंश को हाईवे की तरफ लेकर भाग गए। अपहृर्ता गोवर्धन चौराहे तक देखे गए।

कोतवाली क्षेत्र में सौंख रोड स्थित 113-आजाद नगर निवासी अभिषेक उर्फ ¨रकू के साढ़े तीन वर्षीय पुत्र अंश और आठ वर्षीय जय रमन लाल शोरावाल स्कूल से पढ़कर स्कूल की वेन 1.30 बजे आए थे। अंश नर्सरी और जय कक्षा दो का छात्र हैं। सड़क पर दोनों भाईयों को वेन ने उतार दिया और वेन आगे चली गई। दोनों भाईयों ने पंद्रह मीटर की दूरी पर गली तय की थी कि सामने से हेलमेट लगाए नीली टी शर्ट और खाकी रंग की पेंट सफेद रंग की स्कूटी लेकर आ रहा था। उसके पीछे लाल टीशर्ट और नीले रंग का लोअर पहने हुए युवक बैठे था। सफेद साफी से चेहरे पर नकाब लगा रखा था। दोनों युवक स्कूटी से करीब 1.25 बजे पहले गली का एक चक्कर लगाकर आए थे, जो पास की दुकानों में लगे सीसी टीवी में कैद हो गए थे। जय ने बताया, सामने से आए स्कूटी पर पीछे बैठे युवक ने उसके भाई को उठाया और बीच में रख लिया। उसने भाई को पकड़ा तो युवक ने उसे धक्का देकर गिरा दिया। अंश चिल्लाया तो युवक ने उसका हाथ से मुंह दबा लिया। अंश पर बस्ता भी था। जय रोने और चिल्लाने लगा। जय की आवाज सुनकर उसकी मां प्रियंका और बाबा हरीगोपाल यादव गली में बाहर आए गए। जैसे ही उन्हें पता चला कि अंश को अगवा कर लिया गया है। दोनों के होश उड़ गए थे। प्रियंका सड़क की तरफ भागी, तब तक अपहृर्ता हाईवे की तरफ भाग चुके थे। वह वहीं सड़क पर पछाड़ खाकर गिर पड़ी। आसपास के युवक मोटरसाइकिल और कार लेकर हाईवे की तरफ दौड़े और लोगों से पूछताछ की। अपहृर्ताओं को गोवर्धन चौराहे तक देखा गया और इसके बाद उनकी कोई लोकेशन न मिल सकी।

छात्र के अपहरण होने के बाद सौंख रोड पर भीड़ जमा हो गई और एसपी सिटी आलोक प्रियदर्शी, कोतवाल संजय जायसवाल और कृष्ण नगर पुलिस चौकी प्रभारी विनोद कुमार सिंह फोर्स के साथ आ गए थे। इससे पहले छात्र के अगवा होने की सूचना पर शहर में चे¨कग अभियान शुरू करा दिया गया था। स्वाट प्रभारी हर्षवर्धन भी अपनी टीम के साथ घटना स्थल पर आए और आसपास के लोगों से पूछताछ की। इधर, पीडि़त हरीगोपाल यादव ने बताया, उनकी किसी से कोई रंजिश नहीं है और वह औद्योगिक क्षेत्र में नौकरी करते हैं। उनके पौत्र को अगवा किए जाने के पीछे के कारण उनकी समझ में नहीं आ रहे हैँ।