एक्सक्लूसिव

- आरटीई के तहत गरीब बच्चों का प्रॉमिनेंट पब्लिक स्कूलों में पढ़ने का सपना अधर में

-ऑनलाइन आवेदन में स्कूल सिलेक्शन ऑप्शन से गायब हुई क्षेत्रीय स्कूलों की लिस्ट

KANPUR: आरटीई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर पेरेंट्स के बच्चों को क्षेत्र के इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ाने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। कभी स्कूलों की मनमानी तो कभी ऑनलाइन एडमिशन के लिए जारी किया गया पोर्टल एडमिशन के रास्ते में रोड़ा बन रहा है।

आवेदन न हो पाने से मायूस

आरटीई के तहत क्षेत्र के प्रॉमिनेंट पब्लिक स्कूलों को 25 फीसदी सीटों पर गरीब वर्ग के बच्चों को एडमिशन देना कंपलसरी है। इन सीट्स पर क्लास 3 तक के चयनित बच्चों को एडमिशन से लेकर क्लास 8 तक की निशुल्क एजूकेशन देनी है। एडमिशन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी पोर्टल पर पेरेंट्स को आवेदन करना था। जिसमें वे अपनी च्वाइस के 10 स्कूल सेलेक्ट कर सकते हैं। लेकिन, पोर्टल में तकनीकी खराबी के कारण इलाके के ज्यादातर प्रॉमिनेंट स्कूलों के नाम ही गायब हैं। ऐसे में आवेदन कैसे किया जाए।

नहीं सेलेक्ट कर पा रहे च्वाइस

गोविंदनगर निवासी रामकरन, बर्रा निवासी शिवमूरत, नौबस्ता निवासी अवधेश कुमार व किदवईनगर निवासी सुची आदि ने बताया कि आवेदन के लिए वे कैफे व लोकवाणी केंद्र पहुंचे। लेकिन, स्कूल के नाम ही न होने के कारण आवेदन पूरा नहीं हो सका।

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समस्या होने पर करें संपर्क

इस संबंध में बीएसए डिस्ट्रिक्ट को-आर्डिनेटर डॉ। नरेश गंगवार ने बताया कि किसी पेरेंट को कोई समस्या है, तो वह विभाग की ओर से जारी मोबाइल नंबर 9415162335 पर संपर्क कर सकते हैं। विषम परिस्थितियों में मैनुअली आवेदन भी स्वीकार किए जाएंगे, जिसके फार्म विभाग से कलेक्ट किए जा सकते हैं।

वर्जन -

पोर्टल पर करीब 1000 स्कूल अपलोड किए गए हैं। वार्डो के आधार पर स्कूलों की गड़बड़ लिस्ट शो करने के संबंध में जानकारी मिली है। इसके पीछे वार्ड परिसीमन भी कारण हो सकता है। फिलहाल, पैरेंट्स की सहूलियत के लिए मोबाइल नंबर जारी किया गया है।

- जय सिंह, बीएसए

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पैरेंट्स वर्जन

स्कूलों की पूरी लिस्ट न दिखने से स्कूल का चयन करने में समस्या हो रही है। जो स्कूल दिख भी रहे हैं, तो उनमें माहौल अच्छा नहीं है। ऐसे में इस योजना का लाभ कैसे लिया जाए।

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विभाग को पोर्टल शुरू करने से पहले इन सब खामियों को दूर करना चाहिए था। पैरेंट्स परेशान हैं बच्चों के भविष्य को लेकर। एक अप्रैल से नया सेशन शुरू होना है और अभी तक आवेदन प्रक्रिया ही पूरी नहीं हुई।

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पिछली बार भी इसी तरह की समस्याओं के चलते बच्चों को अच्छे स्कूल में एडमिशन नहीं करा पाया था। इस बार सख्ती तो दिखी, लेकिन व्यवस्थाएं ठीक न होने के चलते मामला अधर में लटका नजर आ रहा है।

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