- आरटीई के उल्लघंन का है मामला

- जांच कमेटी ने कॉलेज की मान्यता रदद करने की सिफारिश की थी

LUCKNOW : राजधानी के कैम्पवेल रोड स्थित एक्जॉन मॉन्टेसरी इंटर कॉलेज को शिक्षा के अधिकार के तहत दो बच्चों को एडमिशन देने के बाद बाहर निकाला महंगा पड़ गया है। बताया जा रहा है कि जांच में शिकायत के सही पाए जाने पर डीआईओएस ने स्कूल की मान्यता समाप्त करने के आदेश दिए हैं।

शिकायत पर डीआईओएस उमेश कुमार त्रिपाठी ने सह जिला विद्यालय निरीक्षक विमलेश कुमार के साथ राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल आरपी मिश्र की टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे। कमेटी ने जांच में कॉलेज प्रशासन को दोषी पाया था। जिसके बाद उन्होंने डीआईओएस को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपते हुए कॉलेज की मान्यता निररस्त करने की संस्तुति की है।

दो एडमिशन का है मामला

एक्जॉन मॉन्टेसरी इंटर कॉलेज में आरटीई के तहत दो बच्चों का एडमिशन क्लास फ‌र्स्ट में कराया गया था। एडमिशन के कुछ दिन बाद कॉलेज प्रशासन ने बच्चों को निकाला दिया। मामले की शिकायत पर डीआईओएस ने जांच के आदेश दिए। इस पर 17 अक्टूबर को जांच टीम विद्यालय पहुंची। उन्होंने वहां पर स्कूल के उपस्थिति रजिस्टर को चेक किया। जिसमें एडमीशन के बाद दोनों बच्चों को लगातार छुट्टी पर दिखाया गया, लेकिन जांच के दिन उन्हें उपस्थित दिखा दिया गया। इस पर प्रिंसिपल से जवाब तलब किया गया तो वह स्पष्ट जवाब नहीं दे सकीं। जांच में यह भी सामने आया कि एडमीशन के दिन से ही दोनों बच्चों को अलग बैठाया जा रहा था। उनके साथ भेदभाव व मानसिक शोषण किया गया। जांच रिपोर्ट के मुताबिक भेदभाव से परेशान दोनों बच्चे दूसरे स्कूल जाने लगे जो कि उनके घर से दूर है।

एक्जॉन मॉन्टेसरी कॉलेज के खिलाफ जांच कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी है। जिसमें स्कूल प्रशासन को आरटीई एक्ट के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। उन्होंने स्कूल की मान्यता रदद करने की सिफारिश की है।

उमेश कुमार त्रिपाठी, डीआईओएस लखनऊ