एसपी सिटी ने की प्रिंसिपल-प्रबंधकों के साथ पुलिस लाइन में बैठक

बच्चों की सुरक्षा पर दिए गए सुझाव, संचालकों की समस्याएं भी सुनीं

आगरा। हाल में बम धमाकों की धमकी भरे खत मिलने के बाद खौफ बढ़ चुका है। इसे पुलिस प्रशासन हल्के में लेने के मूड में कतई नहीं है। लिहाजा अब स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था देखकर उनकी तय रैंकिंग की जाएगी। पुलिस लाइन में सुरक्षा के लिहाज से एसपी सिटी ने स्कूल प्रबंधक और प्रधानाध्यापकों की बैठक बुलाकर उनके सुझाव मांगे। साथ ही आईटी एक्सपर्ट को भी मीटिंग में शामिल किया। मीटिंग में सुरक्षा संबंधी निर्देश के ब्रॉशर भी दिए गए।

चालकों का होगा सत्यापन

एसपी सिटी का कहना था कि जिस भी स्कूल में स्कूल बस या वैन है, वह अपने चालक का वेरीफिकेशन करायेंगे। वह उसका एक फोटो संबंधित थाने में जमा कराएं। उसका डाटा लिया जाएगा। कोई बच्चों का परिचित बनकर आता है तो उसकी आईडी देखकर ही अंदर प्रवेश दें। पहले परिजनों से फोन पर बात कर लें। स्कूल प्रिंसीपल सुरक्षा के लिए इस बात को मैनेजमेंट के साथ बिंदुवार रखे।

परिजन सुरक्षा देखकर लें एडमिशन

स्कूलों में लैटर मिले हैं, यदि सीसीटीवी कैमरा होता तो पता चल सकता था। एक स्कूल में कैमरा भी था लेकिन उसका डायरेक्शन अलग था। स्कूल के बार यदि अपहरण या चेन स्नेचिंग के अलावा अन्य कोई भी घटना होती है तो सीसीटीवी मददगार रहता है। स्कूल प्रिंसीपल इस विषय पर स्कूल मैनेजमेंट से बात करें। ऐसा होता है तो परिजन स्कूल की सुरक्षा को देखकर एडमिशन कराएं।

दहशत न फैलने दे

पुलिस अफसरों का का कहना था कि हाल ही में देखा गया कि एक स्कूल की आधे समय में छुट्टी कर दी गई। ऐसा नहीं होना चाहिए। पेनिक क्रिएट न होने दें। यदि परिवार के लोग आ गए तो उनके साथ बातचीत कर मैटर को सुलझाएं। ऐसे तो जिसने भी पत्र डाला है, वह मोटीवेट होगा। उसे अपने मंसूबे में सफलता मिलेगी। एग्जाम टाइम पर भी कोई पत्र फेंक कर धमकी दे सकता है। स्कूल चेकिंग के बाद संतुष्ट हो जाए। कुछ नहीं है तो स्कूल चलने दे। बैंको की तरह स्कूलों में भी सिक्योरिटी अलार्म सिस्टम लगवाएं।

बम मिलने पर ये अपनाएं सुझाव

- बम की सूचना पर एकजुट न हों

- जहां हैं वहीं तुरंत नीचे लेट जाएं

- पुलिस कांटेक्ट वाला अलार्म बजाएं

- बम दिखे तो 500 मीटर क्षेत्र खाली करें

आईटी एक्सपर्ट ने भी दिया सुझाव

पुलिस अधिकारियों के साथ आइटी एक्सपर्ट रक्षित टंडन भी थे। उन्होने स्कूलों को सुझाव दिए। उनका कहना था कि स्कूल स्टार्ट हो जाने के बाद कोई भी वाहन स्कूल के अंदर न आने दें। एक स्टीकर जारी किया जाए। जो स्कूल आने वाले वाहनों पर लगाया जाए। उन्हीं वाहनों को एलाउ किया जाए। स्कूल आने जाने का मात्र एक ही गेट हो। साथ ही बाउंड्रीवॉल को भी ऊंचा किया जाए।

पहले भी हुई थी बैठक

दिसंबर 2014 में पेशावर में स्कूल में हमले के बाद तत्कालीन एसएसपी राजेश डी। मोदक ने स्कूल प्रिंसिपल की बैठक रखी थी। उन्हें स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) दिया गया। एसओपी के अंतर्गत बच्चों की सुरक्षा के लिए सुझाव व उपाए बताए थे, लेकिन वह अधिकतर स्कूलों में लागू नहीं हो पाए अब फिर से स्कूल प्रिंसिपल को एसओपी दी गई है।