एनसीईआरटी के अलावा अन्य पब्लिशर्स का बुक खरीदने का दबाव बना रहे स्कूल

सीबीएसई के निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं कई स्कूल

तीन से चार गुनी महंगी हैं प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक

RANCHI: सिटी के विभिन्न सीबीएसई स्कूलों में एनसीईआरटी के अलावा अन्य पब्लिशर्स की बुक से पढ़ाई कराई जा रही है। ऐसे में स्टूडेंट्स भी एनसीईआरटी के साथ अन्य पब्लिशर्स की बुक भी खरीद रहे हैं। जबकि सीबीएसई के नए डायरेक्शन के अनुसार, एनसीईआरटी के दिए गए पाठ्यक्रम को ही स्कूलों को फॉलो करना है। खासकर क्लास एइट से ट्वेल्थ तक इसे ही फॉलो करने के डायरेक्शन आ चुके हैं।

पेरेंट्स के आ रहे हैं कंप्लेन

बच्चों पर एकेडमिक बर्डेन कम करने के लिए सीबीएसई ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे पेरेंट्स और स्कूल के स्टूडेंट्स को प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक खरीदने के लिए बाध्य न करें। सीबीएसई की ओर से यह कदम इसलिए उठाया गया, क्योंकि बोर्ड को पेरेंट्स की ओर से ऐसे कई कंप्लेन मिले। इसमें बताया गया कि कई स्कूल्स की ओर से नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी (एनसीईआरटी) बुक्स के अलावा अन्य पब्लिशर्स की बुक खरीदने के लिए दबाव डाला जाता है।

इन स्कूलों में एनसीईआरटी के साथ अन्य पब्लिशर्स भी

डीएवी ग्रुप के स्कूलों के साथ डीपीएस , जेवीएम श्यामली स्कूल, ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, लोयला कान्वेंट स्कूल, कैम्ब्रियन पब्लिक स्कूल के साथ अन्य कई स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक से पढ़ाई जा रही है। डीपीएस और जेवीएम श्यामली में प्रदीप के साइंस और मैथ्स की बुक को प्रेफर किया जा रहा है। सबसे ज्यादा प्रदीप, श्रीजन, एबीसी, आर्या, सरस्वती, दिनेश, एस चांद और भारती भवन पब्लिशर की बुक मार्केट में मौजूद हैं। इनके बुक को स्कूलों में भी प्रेफर किया जाता है। इनमें साइंस की बुक सबसे ज्यादा पापुलर और डिमांडेड हैं। उसके बाद कॉमर्स फिर आ‌र्ट्स की बारी आती है।

महंगी हैं प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक

स्कूलों के क्लासरूम से लेकर मार्केट तक डिमांड में रह रहीं प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक एनसीईआरटी की तुलना में कहीं ज्यादा महंगी हैं। एस चांद और भारती भवन जैसे पब्लिशर के मैथ्स और साइंस के बुक जहां 315 रुपए के होते हैं, वहीं एनसीईआरटी बुक्स 100 रुपए की होती हैं। 100 रुपए में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी की बुक मिल जाती हैं, जबकि प्राइवेट पब्लिशर में इनमें से सिर्फ एक का ही दाम 300 रुपए से ऊपर है। इस वक्त लक्ष्मी पब्लिकेशन के क्लास इलेवन के केमिस्ट्री की बुक की कीमत 1050 रुपए है, जबकि उसी सिलेबस की एनसीईआरटी बुक की कीमत 250 रुपए है। एनसीईआरटी के मैटेरियल्स को बोर्ड एग्जाम और सीबीएसई सिलेबस के अनुसार तैयार किए गए क्वेश्चन के लिए बेस माना जाता है। बोर्ड एग्जाम में क्वेशचन भी एनसीईआरटी बुक के अनुसार ही पूछे जाते हैं।

क्या कहते हैं बुक सेलर्स

एनसीईआरटी बुक्स का पैटर्न कुछ ऐसा है, जिसमें सॉल्यूशन और एग्जामपल नहीं होते। वहीं प्राइवेट पब्लिशर्स में सॉल्यूशन और कई एग्जामपल्स होते हैं। ऐसे में स्कूलों में इसे आसानी से पढ़ाया जाता है। कम समय लगे इसलिए टीचर्स भी एनसीईआरटी की जगह प्राइवेट पब्लिशर्स को प्रेफर करते हैं।

अवध, जनता पुस्तक केंद्र

सीबीएसई एफिलिएटेड स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक की काफी डिमांड हैं। इनमें एस चांद, भारती भवन, प्रदीप, श्रीजन, एबीसी जैसे पब्लिकेशन की डिमांड सालों भर रहती है। कई स्टूडेंट्स बुक खरीदने आते हैं जो यह बताते हैं कि स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक से पढ़ाई हो रही है, उसे खरीदना जरूरी है।

-संजीव पांडेय, छात्र पुस्तक भंडार

एमिनेंट स्कॉलर और यूजीसी के फॉर्मर चेयरपर्सन यशपाल की एडवाइजरी कमिटी की ओर से अनुशंसा करते हुए 1993 में लर्निग विदाउट बर्डेन की टाइटल से रिपोर्ट बनाई गई थी। इसमें बच्चों के बोझ को कम करने की सिफारिश की गई थी।

- द नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क, 2005 के तहत स्कूल में स्टूडेंट्स की लाइफ ज्यादा रमणीक बनाने के लिए टेक्स्टबुक को कम करने का आह्वान किया गया था।