- छात्रा के साथ छेड़छाड़ के विरोध पर स्टूडेंट को जमकर पीटा

- मामले से अनजान बनी रही प्रॉक्टोरियल टीम

LUCKNOW : लखनऊ यूनिवर्सिटी में मारपीट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आयेदिन कैम्पस में मारपीट व बवाल की घटनाएं सामने आ रही हैं। वहीं प्रॉक्टोरियल टीम की भारी भरकम टीम भी इन घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। कैम्पस में पिछले दो माह में मारपीट की तीन दर्जन से अधिकघटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी स्टूडेंट्स पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है जिसकी वजह से उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला साइंस कैंटीन का है, जहां थर्सडे को कुछ स्टूडेंट्स ने एक स्टूडेंट पर कोल्ड ड्रिंक की बोतल से सिर पर जानलेवा हमला कर उसे बुरी तरह से घायल कर दिया। सूचना पर पहुंची प्रॉक्टोरियल टीम ने स्टूडेंट को ट्रामा में भर्ती कराया गया।

सिर पर फोड़ी कोल्ड ड्रिंक की बोलतें

थर्सडे को दोपहर करीब ढाई बजे साइंस कैंटीन में एमएससी मैथ्स का एक ग्रुप पहुंचा जिसमें कुछ छात्राएं भी शामिल थी। इसी बीच हॉस्टल के कुछ स्टूडेंट्स कैंटीन पहुंच गये। उन्होंने छात्राओं को घूरने के साथ उन पर फब्तीयां कसना शुरू कर दिया। इस पर उन्हे एक लड़के ने टोका तो वह उससे अभद्रता करने लगे। कुछ ही देर में मारपीट शुरू हो गई। उपद्रवियों ने पास में रखी कोल्ड ड्रिंग की कई खाली बोतलों से स्टूडेंट के सिर पर वार कर दिया। जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। बोतलों के कांच से कुछ छात्राएं भी चोटिल हो गई। सूत्रों के अनुसार, हॉस्टल के स्टूडेंट्स ने एमएससी फोर्थ सेमेस्टर के स्टूडेंट मौजम अली को बुरी तरह पीट दिया। इस दौरान जब मौजम अली का दोस्त फैज बीच बचाव के लिए आया तो उस पर भी लड़के टूट पड़े।

सुरक्षा के दावों की खुली पोल

लखनऊ यूनिवर्सिटी में आए दिन मारपीट की घटनाएं सुरक्षा के दावों की पोल खोल रहीं हैं। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन उसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। अब तक पुराने मामलों में भी यूनिवर्सिटी की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गये हैं। यही नतीजा है कि आए दिन इस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसका खामियाजा बाहर के स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ हा है।

एम्बुलेंस का ड्राइवर फिर से गायब

यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स की सुरक्षा के लिए तैनात एम्बुलेंस भी किसी काम की नहीं है। मारपीट के बाद जब स्टूडेंट को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की जरूरत पड़ी तो मौके से उसका ड्राइवर गायब था। ऐसे में स्टूडेंट को मजबूरी में प्रॉक्टर की गाड़ी से ट्रामा लेाना पड़ा।

इस घटना में कौन घायल है और कौन शामिल है, इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता हूं। शाम को डीटीपी सेल बंद होने के कारण पहचान नहीं हो पाई है। अब सैटरडे को इस मामले की जांच होगी।

- प्रो। विनोद सिंह, चीफ प्रॉक्टर

अभी मैं बाहर हूं, इस वजह से पूरी घटना की जानकारी नहीं है। इसके बारे में पता लगाकर सारा सिस्टम दुरूस्त किया जाएगा। यूनिवर्सिटी में फैले इस अराजकता और बवाली स्टूडेंट्स के प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी।

- प्रो। एसपी सिंह, वीसी