जन्म से होते

मनुष्य की त्वचा में मौजूद निशान जो जन्म के समय से होते हैं वही बर्थमार्क कहलाते है। हालांकि अधिकांश लोगों के यह जन्म के बाद बढते समय के साथ बिगड़ जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों के शरीर में ये निशान लंबे समय तक स्थिर रहते हैं। बहुत से लोग इन बर्थमार्क के शरीर में होने के पीछे का मतलब नहीं जानते हैं। जिससे वे इन्हें हटाने के प्रयास में रहते हैं।

मिल गया जवाब,तो इसलिए होते हैं बर्थमार्क

पिगमेंटेड बर्थमार्क

ऐसे में हाल ही में वैज्ञानिकों ने इनके होने का सही मतलब ढूंढ निकाला है कि ये क्यों होते हैं। लोगों के शरीर में अलग-अलग तरीके के बर्थमार्क मिलते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक पिगमेंटेड बर्थमार्क शरीर में मेलानिन की मात्रा बढ़ने की वजह से हो जाते हैं। इनका रंग हल्का लाल या फिर त्वचा के रंग में होता है। कई बार यह बालों के रूप में भी होते हैं। यह दाग करीब 10-11 साल तक शरीर में रहते हैं।

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वैस्कुलर बर्थमार्क

इसके बाद धीरे-धीरे चले जाते हैं। इनसे शरीर को कोई नुकसान नही होता है। इसका अंदाजा आप खुद से लगा सकते हैं कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है इनका रंग बदलता जाता है। एक और बर्थमार्क वैस्कुलर होता है। यह भी पैदा होने के समय से ही शरीर में पाया जाता है। यह निशान करीब डेढ़ से दो साल में बच्चे के शरीर से गायब हो जाता है। ये बर्थमार्क बढ़ी हुई रक्त वाहिकाओं के कारण होते हैं।

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पोर्ट वाइन बर्थमार्क

इसके अलावा बच्चों में एक और बर्थमार्क हेमांजिओमस पाया जाता है। यह रक्त वहिकाओं में छोटे-छोटे ट्यूमर की वजह से पाए जाते हैं। यह एक लाइन की तरह से होते हैं। वहीं पोर्ट वाइन बर्थमार्क शरीर में छोटे-छोटे लाल रंग के होते हैं। यह तब होते हैं जब शरीर में रक्त वाहिकाएं सही से नहीं प्रवाहित होती हैं। हालांकि इनको लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नही हैं। ये अक्सर उभरते और खत्म हाते रहते हैं।

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