-शासन ने साइंस किट खरीदने के लिए सुझाए थे सात फर्म के नाम

-अधिकारियों ने हेडमास्टर्स से ले लिए ब्लैंक चेक

>BAREILLY

जूनियर हाईस्कूल के लिए खरीदी गई साइंस किट का पूरा खेल ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर के ऑफिस से चला। अधिकारियों ने फर्म के अधिकारियों से साठगांठ कर घटिया किस्म की साइंस किट इकट्ठी मंगवाकर बीईओ ने अपने ऑफिस में रखवा लीं। साथ ही शासन से आए बजट के ब्लैंक चेक हेड मास्टर से लेकर उन्हें किट सौंप दी। जबकि, किट हेड मास्टर को खरीदनी थी।

क्यारा में लगी थ्ाी प्रदर्शनी

ब्लॉक क्यारा के कांधरपुर जूनियर हाईस्कूल में करीब छह माह पहले तत्कालीन बीएसए एश्वर्या लक्ष्मी यादव के नेतृत्व में साइंस किट की प्रदर्शनी लगी थी। इसमें विभिन्न फ‌र्म्स के अधिकारियों ने साइंस किट के फायदे और गुणवत्ता बताई। इस पर तत्कालीन बीएसए ने हेड टीचर्स को आदेश दिए कि वे शासन से रजिस्टर्ड सात फर्म में किसी एक से साइंस किट खरीद लें। इसी बीच उनका तबादला हो गया। इसके बाद बीईओ ने फर्म के अधिकारियों से साठगांठ कर घटिया गुणवत्ता की साइंस किट मंगवाकर अपने कार्यालय रखवा ली। साथ ही, हेडमास्टर्स को आदेश दिए कि साइंस किट आ चुकी हैं। ब्लॉक लेवल पर चेक देकर किट हासिल कर लें। बीईओ के आदेश को अमलीजामा पहनाते हुए हेडमास्टर्स ने ब्लैंक चेक ऑफिस में जमा करके साइंस किट ले ली। हेड मास्टर्स ने जब साइंस किट खोली, तो वे हैरान रह गए। क्योंकि साइंस किट की गुणवत्ता बहुत की घटिया थी। साथ ही मार्केट रेट से काफी ऊंचे दामों में खरीदी गई थी।

793 स्कूल्स को मिला बजट

साइंस की पढ़ाई को आसान बनाने के लिए शासन ने स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को साइंस किट खरीदने के निर्देश दिए। साथ ही सभी जूनियर हाईस्कूल की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के खाते में आठ-आठ हजार रुपए भेजे। बीईओ ने हेड मास्टर्स पर दबाव बनाकर ब्लैंक चेक ले लिए। वहीं, साइंस किट की खरीद फरोख्त में हुई धांधली की जांच के लिए बनाई कमेटी ने थर्सडे से जांच शुरू कर दी है।