-बीएसए ने हेड मास्टर के लिए जारी किए निर्देश

-साइंस किट की खरीददारी में हुआ था गोलमाल

>BAREILLY: जूनियर हाईस्कूल के स्टूडेंट्स के लिए खरीदी गई साइंस किट में गोलमाल के मामले में बीएसए ने सभी हेड मास्टर को अपनी सैलरी से किट खरीदें। क्योंकि परिषदीय स्कूल्स में जो किट उपलब्ध कराई गई है। वह रजिस्टर्ड फर्मो से नहीं खरीदी गई थी। इस वजह से किट में गड़बड़ी मिली थी, जिसके बाद बीएसए ने निर्देश ि1दए हैं।

शासन ने भेजे थे आठ हजार रुपए

साइंस किट खरीदने के लिए जूनियर हाईस्कूल के स्टूडेंट्स के लिए शासन ने सूबे भर की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के खाते में आठ-आठ हजार रुपए भेजे थे। बरेली में सभी 793 जूनियर हाईस्कूल की एसएमसी के खाते में भी बजट आया। शासन ने एसएमसी को निर्देश दिए थे कि कि रजिस्टर्ड सात फर्मो से ही साइंस किट खरीदें, लेकिन ब्लॉक लेवल पर साइंस किट की खरीदारी में धांधली हुई। बीईओ रुपए ले लिए और घटिया साइंस किट खरीदकर स्कूल्स को दे दी। मामला जब बीएसए के संज्ञान में आया, तो उन्होंने डिस्ट्रिक्ट के सभी बीईओ को नोटिस जारी किया। साथ ही तीन दिन के अंदर जवाब देने को कहा, पर तीन बीईओ ने ही अपना पक्ष रखा। इसके बाद बीएसए ने बताया कि उन्होंने 793 जूनियर हाईस्कूल के हेड टीचर को निर्देश दिया है कि कि वे अपनी सैलरी से रजिस्टर्ड फर्म की सांइस किट खरीदें, ताकि स्टूडेंट्स को बेहतर तरीके से पढ़ाया जा सके।

सभी हेड टीचर को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी सैलरी से रजिस्टर्ड फर्म की साइंस किट खरीदें। ताकि, शासन की मंशा को अमलीजामा पहनाया जा सके।

चंदना यादव, बीएसए