-मिर्जामुराद के पूरे गांव में विकलांगता का राज जानने लखनऊ से पहुंची भूगर्भ साइंटिस्ट्स की टीम

-टीम ने मिट्टी-पानी का लिया सैंपल, अब जांच रिपोर्ट का इंतजार

VARANASI: जन्मजात विकलांगता का रहस्य जानने के लिए शुक्रवार को लखनऊ से बनारस आई भूगर्भ साइंटिस्ट्स की टीम मिर्जामुराद के पूरे गांव पहुंची। टीम ने यहां अर्थ-इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन की जांच करने के साथ ही मिट्टी-पानी का नमूना भी लिया। जांच में मानक से ज्यादा रेडिएशन होने की बात सामने आई है। रेडिएशन के खतरे से लोगों के विकलांगता के शिकार होने की आशंका जताई जा रही है। वैज्ञानिकों ने यह स्वीकार किया है कि गांव में रेडिएशन सामान्य से अधिक है।

इस तरह हटा पर्दा

बता दें कि सेवापुरी विकास खंड के पूरे गांव निवासी सुभाष मौर्य की पत्नी संगीता को पिछले दिनों एक नवजात पैदा हुआ। डीएम प्रांजल यादव के निर्देश पर सात फरवरी को प्रदूषण बोर्ड समेत डॉक्टर्स की टीम ने गांव में पहुंचकर मिट्टी व पानी का नमूना लिया था। जन्मजात विकलांगता का रहस्य जानने के लिए शुक्रवार की दोपहर भारतीय भूगर्भ वैज्ञानिक सर्वेक्षण, अलीगंज लखनऊ के डॉ। पीके सिंह व डॉ। एसके सिंह सहित एसडीएम सुशील गौड़, बीडीओ राधेश्याम शर्मा, सेवापुरी के चिकित्सा प्रभारी राम अशीष व राहुल सिंह पूरे गांव पहुंचे।

टीम ने लिया सैंपल

टीम सबसे पहले सुभाष के घर पहुंची। जांच करने के साथ ही मिट्टी, सामान्य जल व हैंडपंप के पानी का सैंपल लिया। इसके बाद रामबली पटेल के घर अर्थ-इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन की जांच करने पर रेडिएशन अधिक होने की बात सामने आई। साइंटिस्ट्स का कहना है कि रेडिएशन के खतरे से ही विकलांगता है, हालांकि जांच के बाद ही मामला स्पष्ट हो सकेगा। रामबली पटेल के घर तीन विकलांग हैं। डिस्ट्रिक्ट हेड क्वार्टर से फ्भ् किलोमीटर दूर इस गांव में हैंडीकैप्ड की संख्या करीब एक सौ पहुंच गई है। ये सभी जन्म के बाद धीरे धीरे विकलांगता की चपेट में आ गए।