-आईआईटी के स्क्रैप के टेंडर को उठाने को लेकर हुआ था ठेकेदार से विवाद

-बेकनगंज और परमपुरवा के ठेकेदारों पर परिजनों ने जताया शक

KANPUR :

रेलवे के स्क्रैप के ठेके की रंजिश में बुधवार की रात को नई सड़क में स्क्रैप कारोबारी का कत्ल किया गया। हत्यारों ने सटीक रेकी की मदद से वारदात को अन्जाम दिया। उन्हें मालूम था कि कारोबारी कब और कितने बजे घर से निकलेगा। हत्यारे कारोबारी को पहचानते थे। उन्होंने बात करने के बहाने कारोबारी को रोका और कनपटी में तमंचा सटाकर गोली मार दी। जिसके बाद हत्यारे आसानी से गली के रास्ते से वहां से निकल गए। वहीं, रेलवे ठेके की रंजिश में कारोबारी के कत्ल से फिर से गैंगवार की आग सुलग सकती है। जिसे देख पुलिस अलर्ट हो गई है।

कुली बाजार में रहने वाले स्क्रैप कारोबारी मो। हाफिज (भ्0) के परिवार में पत्नी, दो बेटे मो। आरिफ, शेरू और बेटी सलमा है। हाफिज शुरुआत में रेलवे से स्क्रैप खरीदने का ठेका उठाते थे। उन्होंने कुछ दिनों में रेलवे में अच्छी पैठ बना ली थी। जिसके बाद से उनका रेलवे ठेके में सिक्का चलने लगा। वो जिस ठेके के टेंडर में हाथ रख देते थे, वो उनका हो जाता था। उनकी सेटिंग से दूसरे ठेकेदारों की दाल नहीें लग रही थी। जिससे दूसरे ठेकेदार उनसे रंजिश मानने लगे थे। हाफिज ने रेलवे में पैर जमाने के बाद दूसरे डिपार्टमेंट से भी ठेका उठाना शुरु कर दिया। करीब छह महीने पहले हाफिज ने आईआईटी से भ्भ् लाख का स्कैप खरीदने का ठेका उठाया था। जिसमें दूसरे ठेकेदारों की भी निगाह थी। उन्होंने हाफिज को टेंडर न लेने की हिदायत दी थी, लेकिन हाफिज ने उनकी अनदेखी कर टेंडर ले लिया था। जिससे गुस्साएं दोनों ठेकेदारों ने उससे बदला लेने की ठान ली और वे रेलवे में टेंडर डालने लगे, लेकिन हाफिज की सेटिंग की वजह से उनको ठेका नहीं मिल पा रहा था। इधर, रेलवे में एक बड़ा ठेका निकलने की जानकारी ठेकेदारों को लगी, तो उन्होंने हाफिज को रास्ते से हटाने का इरादा बना लिया। उन्होंने हाफिज की रेकी के लिए अपना एक आदमी लगाया और उसकी सटीक मुखबिरी पर ठेकेदारों ने हाफिज का कत्ल कर दिया। उन्होंने सुनहरी मस्जिद के पास हाफिज को बात करने के बहाने रोका। हाफिज उनको पहले से जानते थे। इसलिए वे उनके बात करने लगे, तभी एक हत्यारे ने हाफिज की कनपटी में तमंचा सटाकर गोली मार दी। पुलिस को हत्यारों की पहचान हो चुकी है, लेकिन एसओ कुछ भी बोलने से बच रहे है। एसओ का कहना है कि परिजनों ने कुछ लोगों पर शक जताया है। उनको हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जल्द ही सच्चाई का पता चल जाएगा।

चार हत्यारों ने दिया वारदात को अन्जाम।

स्क्रैप कारोबारी को भले ही एक गोली लगी है, लेकिन उसकी हत्या करने के इरादे से चार हत्यारे मौके पर पहुंचे थे। वे हर कीमत में हाफिज की हत्या करना चाहते थे। छह हत्यारों ने हाफिज को रोकते ही घेर लिया और उसमें एक ने हाफिज के गोली मार दी।

गली के रास्ते पैदल भागे थे हत्यारे

स्क्रैप कारोबारी हाफिज की हत्या करने वाले हत्यारे इलाकाई है। वरना वे नई सड़क जैसे घने और खतरनाक इलाके में वारदात करने की हिम्मत नहीं जुटा सकते थे। हत्यारों ने पैदल ही वारदात को अन्जाम दिया। वे नई सड़क में सुनहरी मस्जिद के पास खड़े थे। वे हाफिज को गोली मारने के बाद पैदल ही गलियों के रास्ते में भागे थे।

बेकनगंज और परमपुरवा के ठेकेदार शक के घेरे में।

स्क्रैप कारोबारी की तो वैसे कई ठेकेदारों से रंजिश चल रही थी, लेकिन भतीजे ने बेकनगंज और परमपुरवा अकबर अली, केके उर्फ कलीम और हाफिज पर शक जताया है। ये तीनों भी स्क्रैप कारोबारी है और सरकारी डिपार्टमेंट से स्क्रैप खरीदने का ठेका लेते है। अब पुलिस इन आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

तो स्क्रैप ठेके के लिए गैंगवार शुरु

रेलवे के स्क्रैप ठेके में करोड़ों की कमाई है। जिसके चलते स्क्रैप के ठेके को लेने के लिए मारामारी मची रहती है। ठेका लेने में लम्बी रिश्वत और दबंगई चलती है। ठेकेदार दूसरे पर दबाव बनाने के लिए पेशेवर अपराधियों का इस्तेमाल करते है। हाफिज का अभी तक रेलवे में सिक्का चलता था, लेकिन उसके कत्ल के बाद अब दूसरे ठेकेदार रेलवे में कब्जा जमाने जुट गए है।