इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर टोनी शिलिंगलॉ ने दावा किया है कि उन्होंने डान ब्रैडमेन की उस तकनीक का तिलिस्म तोड़ दिया है जिसकी बदौलत उन्होंने 99 की औसत से रन बनाए थे।

 ब्रैडमेन मामले के विशेषज्ञ शिलिंगलॉ का मानना है कि उनकी बेहतरीन औसत का कारण बेमिसाल तकनीक थी जिसे सभी भावी क्रिकेटरों को सिखाया जाना चाहिए।

 उन्होंने सिडनी मार्निंग हेराल्ड से कहा ,‘‘ मुझे ब्रैडमेन के 1930 से 1947 के बीच के फुटेज मिले हैं जिनमें उनके कैरियर के कई मैच है.’’

 लंबे समय तक ब्रैडमेन के छात्र रहे शिलिंगलॉ ने कहा कि बल्लेबाजी की रोटरी प्रणाली के कारण ब्रैडमेन को बाकी बल्लेबाजों पर बढत हासिल थी। उन्होंने ब्रैडमेन की तकनीक के बायोमैकेनिक्स अध्ययन के नतीजे इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के एलीट कोचिंग विकास प्रमुख गार्डन लार्ड और नए बल्लेबाजी मुख्य कोच ग्राहम थोर्प को भेजे हैं।

 उन्होंने कहा कि ब्रैडमेन को शुरूआती दिनों में खेलने के निराले तरीके से काफी फायदा मिला जब वह टैंक के सामने गोल्फ बॉल को क्रिकेट स्टम्प से पीटते थे।

 उन्होंने कहा ,‘‘ इससे उन्हें लय मिली। उन्होंने सिर्फ हाथ से बल्लेबाजी नहीं की बल्कि पूरा शरीर हरकत में आता था। गेंद फेंके जाने से पहले वह हरकत में आ जाते थे। गेंद छूटने के बाद वह उसके अनुरूप बल्ले की हरकत तय कर लेते थे.’’

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