वेस्ट यूपी में प्रधान चुनाव पर सांप्रदायिकता का खतरा

- मेरठ, सहारनपुर और बरेली मंडल में हैं सबसे मुश्किल चुनाव

- इलेक्शन कमिश्नर ने मीटिंग के बाद प्रेस के सामने खुलासा

- तीनों ही मंडलों में लगाई जाएगी सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स

Meerut : यूपी इलेक्शन कमिश्नर एसके अग्रवाल ने साफ कर दिया है कि पिछले दो-तीन सालों में जिस तरह से सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है, उससे साफ है कि प्रधानी के चुनावों में वेस्ट यूपी में सांप्रदायिक तनाव रहेगा। चुनाव में हिंसा को रोकने के लिए तमाम पुलिस फोर्स के अलावा मेरठ, बरेली और सहारनपुर मंडल में सेंट्रल की पैरा मिलिट्री फोर्स देने का भी फैसला किया है। गौरतलब है कि मेरठ में कमिश्नर सभागार में मीटिंग के बाद उन्होंने पे्रस वार्ता की थी।

तीन जोन में मुश्किल चुनाव

इलेक्शन कमिश्नर ने प्रेस वार्ता में कहा कि मेरठ, बरेली और सहारनपुर मंडल में प्रधान के सबसे टफेस्ट चुनाव होने जा रहे हैं, जिसके लिए हम सभी को सबसे ज्यादा सजग होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहले टेस्ट यानी जिला पंचायत के चुनाव में छिटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो चुनाव शानदार रहा है। अब हमें प्रधान के चुनाव का टेस्ट पास करना है। जोकि काफी टफ होने जा रहा है।

सांप्रदायिकता का असर

भले ही पिछले 20 सालों के रिकॉर्ड को उठाकर देखें तो प्रधान और ग्राम पंचायत के चुनाव में जितनी भी हिंसा हुई है वह चुनावी रंजिश को लेकर हुई है, न की सांप्रदायिकता को लेकर। पहली बार प्रधानी के चुनाव में सांप्रदायिकता के खतरे की बात इलेक्शन कमीशन ने की है। एसके अग्रवाल ने कहा कि पिछले दो-तीन सालों में वेस्ट यूपी के हालात देखें तो यहां पर इस तरह के तनाव ज्यादा हुए हैं, जिसकी वजह से कमिशन को चिंता हुई है। फिर बरेली हो या फिर मुजफ्फरनगर। मेरठ भी इससे अछूता नहीं है। कमिशन नहीं चाहता कि इसकी आग गांवों तक पहुंचे। कमिशन ने अधिकारियों से साफ कर दिया है ऐसे इलाकों और लोगों को चिह्नित करें तो सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकते हैं। ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।

लगाई जाएगी पैरा मिलिट्री फोर्स

प्रधान चुनाव में कमिशन की ओर से सेंट्रल गवर्नमेंट से पैरा मिलिट्री फोर्स की डिमांड की गई थी, जिसकी परमिशन मिल गई है। यूपी को इस बार 40 कंपनी फोर्स मिली है। कमिश्नर ने कहा कि मेरठ, बरेली और सहारनपुर मंडल में जरुरत के हिसाब से फोर्स को लगाया जाएगा। उन्होंने ये कहा कि तीनों की मंडलों के जिलों में ड्रोन कैमरे भी दिए जाएंगे। जिनका खर्चा भी आयोग ही उठाएगा। आपको बता दें कि जिला पंचायत के चुनाव के लिए सीएमपी की डिमांड की गई थी। लेकिन में बिहार में चुनाव होने के चलते हीं मिल पाई थी।