टोर भी एक विकल्प है जो आपके स्मार्टफ़ोन पर बहुत ही धीमा चलेगा ।

रॉकमेल्ट, सफारी, डॉल्फ़िन, लिंक बबल, पफ़्फ़िन, मरकरी और इंटरनेट एक्सप्लोरर भी स्मार्टफ़ोन पर आपका ब्राउज़र बनना चाहते हैं।

पर एंड्रॉइड पर शायद ही आप इनमें से कोई ब्राउज़र किसी के भी स्मार्टफ़ोन पर देखेंगे।

इन सभी ब्राउज़र पर आपको अव्वल दर्जे की सिक्योरिटी नहीं मिलेगी जो आप शायद ढूंढ रहे होंगे। उसके लिए घोस्टरी नाम का ब्राउज़र एक विकल्प हो सकता है।

स्मार्टफ़ोन का ब्राउज़र कौन सा होना चाहिए?

सिक्योरिटी के लिहाज़ से टोर बहुत बढ़िया विकल्प है। आपके कमांड अलग अलग नोड से होकर जाएंगे ताकि वो सब की नज़र से बच पाएं।

इंटरनेट का एक ऐसा हिस्सा जिसे 'डीप वेब' कहते हैं। इसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। उसके बारे में भी आप कुछ जानकारी इकठ्ठा कर सकते हैं। यहां पर जो भी जानकारी होती है उन्हें सर्च इंजन पर इंडेक्स करके नहीं रखा जाता है।

फ़ायरफ़ॉक्स ब्राउज़र चलाने कंपनी मोज़िला की सिक्योरिटी पॉलिसी भी बढ़िया है। इसमें ये साफ़ किया गया है कि आपके बारे में जानकारी अगर क़ानूनी एजेंसियों को चाहिए, तभी दी जाएगी।

अगर उनकी पॉलिसी की मानें तो इसके अलावा आपके बारे में जानकारी कहीं नहीं जाएगी।

स्मार्टफ़ोन का ब्राउज़र कौन सा होना चाहिए?

फ़ायरफ़ॉक्स पर आप ट्रैकिंग से तो बच सकते हैं लेकिन आपको विज्ञापनों को झेलना पड़ेगा।

अगर आप क्रोम ब्राउज़र इस्तेमाल करते रहे हैं और अब बदलना चाहते हैं तो उससे जुडी सभी जानकारी अपने स्मार्टफ़ोन के कंप्यूटर से डिलीट कर सकते हैं।

अगर अपने गूगल अकाउंट को ही डिलीट करना चाहते हैं तो गूगल टेकऑउट का इस्तेमाल कीजिए।

इसे इस्तेमाल करके अपने गूगल अकाउंट से जुड़ी सभी जानकारी को आप बाद में अपनी ज़रूरत के लिए स्टोर कर सकते हैं।

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