- बिना वेरीफिकेशन के कैंपस में आ रहे मजदूर और ठेकेदार

- राजधानी पुलिस के जिम्मे है लोक भवन की सुरक्षा व्यवस्था

- हैंडओवर न से सचिवालय सुरक्षा दल ने अब तक नहीं ली जिम्मेदारी

Mayank.srivastava@inext.co.in

LUCKNOW:

सीएम योगी आदित्य नाथ के काफिले को रोकने के मामले ने सीएम सिक्योरिटी की व्यवस्था की पोल खोल दी। कुछ ऐसा ही हाल सीएम के नए कार्यालय लोक भवन का भी है जहां की सुरक्षा व्यवस्था फिलहाल राम भरोसे है। लोक भवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी फिलहाल राजधानी पुलिस की है। दरअसल निर्माण कार्य पूरा न होने के चलते उसे सचिवालय सुरक्षा ने टेक ओवर नहीं किया है। काम पूरा होने के बाद भी सचिवालय सुरक्षा द्वारा लोक भवन की सुरक्षा की जाएगी।

कैबिनेट बैठक होती है

लोक भवन का काम भले ही अभी पूरा नहीं हुआ हो, लेकिन वहां कैबिनेट की 10 बार बैठक हो चुकी है। जिसमें सीएम समेत कैबिनेट मिनिस्टर तक मौजूद रहते हैं। इसके अलावा कई केंद्रीय मंत्री भी लोक भवन आ चुके हैं। लोक भवन में ही भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी चुना गया था। इस दौरान सुरक्षा इंतजामों को लेकर पुलिस को खासी मशक्कत भी करनी पड़ी थी। फिलहाल यहां की सुरक्षा में राजधानी पुलिस के महिला व पुरुष कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर और पीएसी के जवान तैनात हैं। 24 घंटे सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इसी फोर्स के जिम्मे है। लोक भवन में सुरक्षा के मद्देनजर बिना पास और वेरीफिकेशन के इंट्री संभव नहीं है। बावजूद इसके लोक भवन में हर रोज निर्माण कार्य में लगे कर्मचारी, ठेकेदार और मजूदर बिना वेरीफिकेशन के काम कर रहे है। न तो उनके पास कोई आईडी कार्ड है और न ही पुलिस ने उनका वेरीफिकेशन कराया है। यह भी सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी चूक है।

वेरीफिकेशन के लिए लिखा जा चुका पत्र

सुरक्षा के मद्देनजर लोक भवन में काम करने वाले मजदूर, कर्मचारी और ठेकेदारों के वेरीफिकेशन कराने के लिए एसपी पूर्वी के यहां से हजरतगंज पुलिस को 31 मार्च को एक पत्र लिखा गया था। इस पत्र में साफ तौर पर जिक्र किया गया था कि लोक भवन में काम कर रहे लोगों का न केवल वेरीफिकेशन कराया जाए बल्कि उनकी इंट्री के लिए एक पास भी बनाया जाए। लोक भवन का ए ब्लाक और बी ब्लॉक का काम लगभग पूरा हो चुका है। जबकि पीछे के हिस्से का काम अभी चल रहा है। गेट एक और दो से भले ही किसी की इंट्री न हो, लेकिन निर्माण से जुड़े कर्मचारी, ठेकेदार और मजदूरों की पीछे के गेट से इंट्री है। न तो उनके पास कोई पास है और न ही उनका वेरीफिकेशन है।

ऐसी है बिल्डिंग की व्यवस्था

बिल्डिंग में तीन ब्लॉक है। जिसमें ए, बी और सी ब्लॉक हैं। ब्लॉक ए में दो मंजिला अंडरग्राउंड पार्किग और फ‌र्स्ट फ्लोर पर गार्ड रूम है। ब्लॉक बी में अंडरग्राउंड आडिटोरियम और ग्राउंड फ्लोर सहित 5 मंजिल है। ब्लाक सी में भूमिगत पार्किग एवं ग्राउंड फ्लोर सहित 7 मंजिल भवन है। ब्लाक ए में दो मंजिला अंडरग्राउंड पार्किग एवं फ‌र्स्ट फ्लोर पर सिक्योरिटी एवं पास ऑफिस होगा।

सुरक्षा में लगने वाली फोर्स

पुरुष कांस्टेबल - फ्म्

महिला कांस्टेबल - क्ख्

सब इंस्पेक्टर - क्ख्

(यह आम दिनों की सुरक्षा व्यवस्था में लगने वाली फोर्स है। जिनकी डे और नाइट में ड्यूटी रहती है)

लोक भवन एक नजर में

- हाईटेक सीएम ऑफिस म्0ख् करोड़ में बनाए क्फ्00 लोग एक साथ काम कर सकते हैं।

- फ् अक्टूबर को तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव नए सीएम ऑफिस का उद्घाटन किया था। इसका काम मार्च ख्0क्ब् में शुरू हुआ था।

- यह ऑफिस साढ़े म् एकड़ में बना है जबकि कुल बेसमेंट एरिया ख्क्9भ्म्.ब्ब् वर्ग मीटर है और कवर्ड एरिया फ्7ब्ख्म्.ख्9 वर्ग मीटर है। वहीं बी ब्लाक भवन में सीएम का ऑफिस यहां भी पंचम तल पर है।

लोक भवन की सुरक्षा के लिए दिन और रात में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। जिसमें सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल है। लोक भवन में निर्माण से संबंधित काम करने वाले कर्मचारी, कांट्रेक्टर और मजदूरों के वेरीफिकेशन के लिए पहले पत्र लिखा गया था। वेरीफिकेशन का काम जल्द पूरा हो जाएगा।

- सर्वेश कुमार मिश्रा, एसपी पूर्वी