- वीसी ने दिए मामले के जांच के आदेश

- जांच के लिए बनाई तीन सदस्यीय जांच कमेटी

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LUCKNOW: उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी यूपीटीयू में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का एक नया मामला सामने आया है. जहां पर यूनिवर्सिटी के कुछ लोगों ने स्टेट एंट्रेंस एग्जाम के लिए लिए करीब तीन लाख आवेदन की पूरी डिटेल एक प्राइवेट संस्थान को बेच दिया है. इस मामले का खुलासा मंगलवार को आयोजित हुए यूपीटीयू के कैब के बैठक में हुआ जहां पर कमेटी के एक सदस्य ने इस मामले को सबके सामने रखा. सदस्य ने आरोप लगाया कि एसईई)-ख्0क्भ् के लिए आवेदन के करीब तीन लाख कैंडीडेट्स व्यक्तिगत जानकारियों को एक-एक लाख रुपए में कई प्राइवेट संस्थानों को बेंच दी गई है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपीटीयू प्रशासन ने मामले के जांच के आदेश दिए है.

प्रो. रघुराज सिंह की अध्यक्षता में गठित हुई कमेटी

यूपीटीयू से एफिलिऐटड करीब साढ़े सात सौ इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में एडमिशन के लिए पिछले मंथ के क्8 व क्9 अप्रैल को स्टेट एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन किया गया था. इसमें पूरे स्टेट से करीब तीन लाख कैंडीडेट्स ने शामिल होने के लिए आवेदन किया था. मंगलवार को सेंट्रल एडमिशन बोर्ड की बैठक में एक सदस्य की ओर से यह डेटा चोरी होनी की बात उठाई गई. जिस पर यूपीटीयू के कार्यवाहक वीसी प्रो. ओंकार सिंह ने केएनआईटी के डायरेक्टर प्रो. रघुराज सिंह की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. जिसमें आईईटी के एसोसिएट प्रोफेसर मनीष गौर और गिरीश चन्द्रा शामिल है.

मामला काफी गंभीर है. इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. जिसे अगले दस दिनों में मामले की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है.

प्रो. ओंकार सिंह, वीसी, यूपीटीयू