मौजूद वित्तीय वर्ष में 13 करोड़ का शमन शुल्क जमा कराने का लक्ष्य

अभी तक जमा हुआ सिर्फ 6.88 करोड़ का शमन शुल्क

आगामी वर्ष का बजट पास, शमन शुल्क का टारगेट 50 करोड़

Meerut। एमडीए बोर्ड के अध्यक्ष कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को प्राधिकरण सभागार में आयोजित बोर्ड की मीटिंग में वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया गया। 301.74 करोड़ रुपये आय का प्रस्ताव सचिव राजकुमार ने रखा तो वहीं 269.90 करोड़ रुपये का व्यय प्राधिकरण आगामी वित्तीय वर्ष में करेगा। 103.05 करोड़ रुपये की बचत होगी।

बड़ा टारगेट

बोर्ड मीटिंग में कम्पाउंडिंग फीस (शमन शुल्क) से प्राप्त होने वाली आय के टारगेट को बढ़ाकर कमिश्नर ने दोगुना कर दिया। 31 मार्च तक प्राधिकरण को कम्पाउंडिंग फीस के तौर पर 10 करोड़ रुपये प्राधिकरण के खाते में जमा कराना था जिसमें से 6.88 करोड़ रुपये प्राधिकरण ने अब तक जमा करा दिए। कमिश्नर ने इस टारगेट को बढ़ाते हुए 20 करोड़ कर दिया है। आगामी डेढ़ माह में प्राधिकरण को 13.22 करोड़ रुपये कम्पाउंडिंग फीस के मद में प्राधिकरण में खजाने में जमा कराना होगा। वहीं आगामी वर्ष 2018-19 में कम्पाउंडिंग फीस के मद में प्रस्तावित 15 करोड़ के टारगेट को बढ़ाकर 50 करोड़ कर दिया गया है, आगामी वर्ष के प्रस्तावित टारगेट में 35 करोड़ बढ़ा दिए गए हैं। कमिश्नर ने प्राधिकरण के अफसरों को ज्यादा से ज्यादा अवैध निर्माणों की धरपकड़ कर कम्पाउंडिंग कराने के निर्देश दिए।

डिफाल्टर को भी राहत

बोर्ड ने फैसला लिया कि जो आवंटी रेगुलर किश्त दे रहे हैं उन्हें ब्याज में राहत मिलेगी। हर आयवर्ग में 1 से डेढ़ प्रतिशत कम हुआ है तो वहीं डिफाल्टर को इस राहत का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि एकमुश्त भुगतान पर डिफाल्टर को ब्याज में माफी मिलेगी। यह राहत 1 जनवरी 2018 से लागू माना जाएगा।

होगा समायोजन

सालों से एमडीए के चक्कर काट रहे उन आवंटियों के लिए राहत की खबर है जिन्होंने फ्लैट या मकान की कीमत भी अदा किंतु उन्हें अभी तक कब्जा नहीं मिला। ऐसे आवंटियों को किसी अन्य योजना में उपलब्ध फ्लैट्स और भूखंड का समायोजन किया जाएगा। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी देते हुए प्राधिकरण को निर्देश दिए कि इस दिशा और काम कर लें। हर योजना में फ्लैट्स और मकान की कीमतों में फर्क है ऐसे में कीमतों को कैसे समायोजित करेंगे?

प्लॉट में बना सकेंगे फ्लैट्स

शासन की ओर से भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 (यथासंशोधित 2011 एवं 2016) में संशोधन को मंजूरी मिल गई। मेरठ विकास प्राधिकरण का सीमा विस्तार होने के बाद विस्तारित क्षेत्र में नक्शा पास करने के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक मंजूरी हालांकि मिल गई साथ ही कमिश्नर ने कहा कि बागपत-बड़ौत प्राधिकरण की प्रक्रिया का एक बार देख लें। विस्तार के बाद संशोधित महायोजना के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया। आवासीय प्लॉट्स में बहुआवासीय ईकाइयों के निर्माण को भी अनुमति मिल गई, अतिरिक्त विकास शुल्क देकर प्लॉट में फ्लैट्स का नक्शा पास कराएं।

इसके अलावा

यूपी पूर्व सैनिक कल्याण निगम को डिफेन्स एन्क्लेव योजना में सर्किल रेट्स के आधार पर जमीन की बिक्री की जाएगी।

2 नए ट्रैक्टर की खरीद को मंजूरी मिली।

अनुरक्षण शुल्क जमा कराने वालों कि लिए ब्याज में छूट के लिए आकर्षक स्कीम को भी मंजूरी मिली।

गढ़ रोड के लैंडयूज को प्रभाव शुल्क जमा कराने के बाद बदला जा सकेगा हालांकि रोड की चौड़ाई कम नहीं होगी। शेड बैक एज पर लॉ और पॉकिंग एज पर लॉ होगी।

मैसर्स अल फहीम मीटैक्स प्रा। लि। के केस में

किसानों में खुशी

गंगानगर, वेदव्यासपुरी, लोहियानगर और गंगानगर एक्सटेंशन के किसानों में खुशी की लहर है। योजनाओं के किसानों को शासन के निर्देश के बाद अतिरिक्त प्रतिकर को मंजूरी मिल गई। बोर्ड ने निर्देश किए कि किसानों के कब्जे में करीब 42 एकड़ भूमि पर शताब्दीनगर (करीब 690 रुपये प्रतिवर्ग मीटर) की तर्ज पर मुआवजा दिया जाएगा। लंबे समय से किसान अतिरिक्त प्रतिकर की मांग कर रहे थे।

अधिकारियों को किया बाहर

बोर्ड की मीटिंग में शामिल होने के लिए सभागार में पहुंचे प्राधिकरण अधिकारियों को कमिश्नर ने हॉल से बाहर कर दिया। उन्होंने कहा कि बोर्ड का जो सदस्य नहीं है वो मीटिंग में नहीं रहेगा, जिसकी आवश्यकता होगी उसे बुलाया जाएगा। मीटिंग में डीएम अनिल ढींगरा, एमडीए वीसी साहब सिंह, नगरायुक्त मनोज कुमार चौहान, सचिव राजकुमार, फाइनेंस कंट्रोलर वसी मोहम्मद, सीटीपी जेएन रेड्डी, चीफ इंजीनियर दुर्गेश श्रीवास्तव एवं सदस्य विभाग मौजूद थे। जिन विभागों के अधिकारियों ने प्रतिनिधि को भेजा उनकी कमिश्नर ने जमकर खैर ली।