-मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बीएचयू स्टूडेंट्स को किया संबोधित

-अर्थशास्त्र विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार में बोले, मानव पूंजी से विकास की अपार संभावनाएं

मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रो। अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि देश में कृषि अर्थ व्यवस्था लचर है। मगर, कृषि राज्यों का विषय है, इसके लिए केंद्र बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं है। राज्यों को चाहिए कि केंद्र के साथ कापरेटिव-फेडरीलिज्म की राह पर आगे बढ़ें। बीएचयू अर्थशास्त्र विभाग के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार के अंतिम दिन रविवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र व अर्थ व्यवस्था दोनों साथ में विकसित किये जा रहे हैं। वहीं चीन सहित एशिया के कई अन्य देशों में पहले अर्थ व्यवस्था विकसित की गई और बाद में लोकतंत्र। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने मानव पूंजी पर आधारित योजनाओं को मिस कर दिया है। मानव श्रम तो है लेकिन स्किल्ड कम है। भारत में मानव पूंजी से विकास की अपार संभावनाएं हैं, इसलिए शिक्षा व चिकित्सा पर काम करने की जरूरत है।

छात्रसंघ को दे गए हवा

सेमिनार में एक छात्रा ने पूछा कि महिला सशक्तिकरण को कैस बल मिलेगा? इस पर मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि महिलाएं हर फील्ड में आगे बढ़ रही हैं, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर छात्रसंघ चुनाव एक छात्रा ने जीता। इसे महिला सशक्तिकरण कहा जा सकता है। सलाहकार ने उक्त छात्रा को भी चुनाव लड़ने की सलाह दे दी, इस पर छात्रों ने तत्काल जवाब दिया कि बीएचयू में तो छात्रसंघ है ही नहीं। इस पर उन्होंने छात्रसंघ चुनाव की वकालत की, जिसका छात्र-छात्राओंने स्वागत किया। इस मौके पर शोध छात्र अखिलेश सिंह, श्रीप्रिया, रोहित सिंह, चट्टान यादव, रितेश, अनूप, गणेश, दीप्ति केसरवानी, सिद्धार्थ सिंह, विनोद कुमार, मानिक तिवारी, सुरेश मौर्या, प्रदीप आदि ने भी सवाल किये।