-इंदिरा गांधी को धर्म-जाति की राजनीति न थी स्वीकार, सभी के विकास का सिद्धांत

-गैर राजनीतिक समारोह में बीएचयू केस से बच नहीं सके नेता

VARANASI

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में नरिया स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान में एक्स पीएम इंदिरा गांधी जन्म शताब्दी समारोह का भव्य आयोजन हुआ। समारोह को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा में विपक्ष नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इंदिरा गांधी संघर्ष एवं लोक कल्याण के राजनीति की मिसाल थीं। आजाद ने कहा कि हमारे लिए भारत माता की जय के खास मायने हैं। भारतभूमि की हर संतान की जय। चाहे वह किसी धर्म, जाति, भाषा में विश्वास रखता हो। इंदिरा गांधी हर भारतीय के लिए संघर्ष की प्रतीक थीं। गांधी-नेहरू ही नहीं, पटेल और मौलाना आजाद की भी विरासत धर्म-जाति की राजनीति नहीं स्वीकार करती। हां, जिन्ना जैसों का भरोसा था, तो वे ही नहीं, अब उनकी विरासत भी बर्बादी की विरासत बन कर रह गई है। चीफ गेस्ट जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर व केंद्रीय लोकसेवा आयोग के पूर्व सदस्य प्रो। पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा कि इंदिरा गांधी संघर्ष एवं निर्माण दोनों की प्रतीक थीं। उन्होंने द्वय राष्ट्रवाद को खंडित कर बंग्लादेश का निर्माण किया। भारत को आणविक शक्ति बनाया। अंतरिक्ष कार्यक्रमों को तेज गति दी। हरित क्रांति को साकार किया। समारोह में सांसद पीएल पुनिया, प्रमोद तिवारी, संजय सिंह, पूर्व विधायक अजय राय, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ। राजेश मिश्र, अनिल श्रीवास्तव, ललितेशपति त्रिपाठी, नदीम जावेद, सतीश चौबे, डॉ। प्रमोद पांडेय, प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केसरी, शैलेंद्र सिंह, संजय चौबे, जितेंद्र सेठ, रामसुधार मिश्र, महेश सिंह आदि मौजूद थे। अरुण कुमार सिंह, राणा गोस्वामी, दिग्विजय सिंह, भगवती चौधरी ने अतिथियों का स्वागत व संचालन प्रो। सतीश राय ने किया। इस मौके पर शहीदों का बलिदान पुस्तिका का लोकार्पण हुआ। समारोह में नौ जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए।

बच नहीं सके बीएचयू पर बोलने से

कांग्रेस की ओर से आयोजित पूर्व पीएम इंदिरा गांधी जन्म शताब्दी समारोह पूरी तरह गैर राजनीतिक था बावजूद इसके कार्यक्रम के दौरान बीएचयू प्रकरण छाया रहा। प्रदेश अध्यक्ष व सांसद राजबब्बर ने कहा कि जेएनयू में विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व पीएम इंदिरा गांधी वहां पहुंचने की हिम्मत रखती थीं, लेकिन वर्तमान में प्रधानमंत्री गलियों से रास्ता बदल कर निकल गए, काशी की बेटियों के बीच पहुंचने की हिम्मत उन्होंने नहीं दिखाई। सांसद व महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि शिक्षा संस्था में महिलाओं को पिटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इंदिरा गांधी की विरासत का संदेश यह है कि नारी का सशक्तिकरण शिक्षा से होगा, रसोई से नहीं। यही नहीं सुष्मिता ने बीएचयू वीसी से मिलने का समय भी मांगा, पर वे नहीं मिले।