- मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग में भारत चीन संबंध विषय पर परिचर्चा

Meerut : मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग में चल रहे भारत चीन संबंध विषय पर परिचर्चा कार्यक्रम में दूसरे दिन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ। पंकज झा ने कहा कि इस विषय पर अभी हमें अत्यधिक काम करने की आवश्यकता है। जिसके बाद डॉ। लियाकत ने चीन के हिंद महासागर के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डाला। डॉ। संजीव कुमार ने चीनी कूटनीति से सावधान रहते हुए सख्त विदेश नीति अपनाने पर बल दिया।

हितों के टकराव पर की चर्चा

संगोष्ठी में डॉ। स्मिता तिवारी ने अफगानिस्तान में चीन भारत के हितों के टकराव पर बोलते हुए कहा कि दोनों के अपने-अपने हित हैं। मेजर जरनल एके शुक्ला ने कहा कि चीन के साथ हमें निरंतर वार्ता करते रहना चाहिए। कभी न कभी वह समय आएगा कि चीन सीमा विवाद को हल करने का विचार करेगा। डॉ। केएन पांडेय ने द्विपक्षीय संबंधों पर प्रकाश डाला। कर्नल विनिता नेहरा ने चाइना की वॉटर पॉलिसी को काउंटर करने पर बल दिया।

इनका रहा सहयोग

इस अवसर पर डॉ। संजय कुमार ने आईसीडब्ल्यूए व आईसीएसएसआर नई दिल्ली को वित्तिय सहायता हेतू धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में डॉ। मोहम्मद हुसैन ने दो दिन के सेमिनार की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरा डॉ। हेमंत पांडे का सहयोग रहा।

सेमिनार में मिले सॉल्यूशन

- भारत को अपनी विशाल जनसंख्या नियंत्रण के लिए कुछ सख्त निर्णय लेने होंगे।

- अपने पड़ोसी देशों के साथ अपने सारे विवाद उसे सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटा लेना चाहिए।

- पड़ोसियों की नीतियों का जवाब देने के लिए भारत के नीतिकारों और निर्णय लेने वालों को व्यवहारिक समाधान अपनाने चाहिए। उसे अपनी परमाणु विकल्प नीति को खुलकर घोषित करना चाहिए।

- भारत को चीन पर आंख बंद कर विश्वास नहीं करना चाहिए।

- चीन के मामले में पैनी दृष्टि रखने के लिए विदेश विभाग के अंतर्गत स्वायत्त एवं उच्चाधिकार युक्त भारत चीन मैत्री विकास अभिकरण का गठन करें।

- भारत को चीन पाक संबंधों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्योंकि पूर्व में चीन पाक के प्रति अपनी नीति के कारण भारत पर अनुचित दवाब डालता रहा है और अभी भी इस संदर्भ में कोई विशेष बदलाव दृष्टिगत नहीं होता है।

- भारत को चीन के साथ पाक की मित्रता के लक्ष्य में चीन द्वारा पाक को दिए गए हथियारों को भारत के विरुद्ध उपयोग न कर सके। इस मुद्दे पर चीन से विशेष संधि करनी चाहिए।

- चीन पाक ने भारत के खिलाफ मोर्चाबंदी कर ली है। इसलिए भारत को गिलगित बाल्टिस्तान में चल रहे संघर्ष को अपना नैतिक समर्थन देना चाहिए। अगर बलूचिस्तान स्वतंत्र घोषित होता तो चीन को ग्वादर बंदरगाह नहीं मिल पाएगा।