-सीएसजेएमयू के यूआईईटी में 'मैनी डाइमेंशन ऑफ इंडियन एटामिक एनर्जी' पर हुआ सेमिनार

-भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर के मीडिया हेड ने यूथ से किया इस फील्ड से जुड़ने का आह्वान

KANPUR: अगर देश का मेरीटोरियस यूथ एटॉमिक एनर्जी की फील्ड में करियर बनाना चाहता है तो फिर उसका फ्यूचर ब्राइट है। परमाणु वैज्ञानिकों ने एग्रीकल्चर की करीब ब्ख् वैरायटी भी डेवलप की हैं जिसमें कि टैग ख्ब् मूंगफली की वैरायटी की डिमांड पूरे देश में है। यह जानकारी भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर मुंबई के मीडिया हेड आरके सिंह ने दी। वह सीएसएजेएमयू के यूआईईटी में आयोजित 'मैनी डाइमेंशन ऑफ इंडियन एटामिक एनर्जी' प्रोग्राम में शिरकत करते हुए दी।

जॉब की अपार संभावनाएं

प्रोग्राम का इनॉग्रेशन चीफ गेस्ट आईआईटी के डायरेक्टर इन्द्र नील मन्ना ने किया। उनका कहना था कि सबसे ज्यादा परमाणु रिएक्टर सेंटर यूएसए में हैं। इसके बाद फ्रांस में भ्8 सेंटर वर्क कर रहे हैं। एटामिक एनर्जी की फील्ड में अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। आने वाला टाइम परमाणु ऊर्जा का होगा। इस फील्ड में इंडिया मे जॉब की अपार संभावनाएं हैं.साइंटिस्ट लगातार इस पर काम कर रहे हैं। यूथ साइंटिस्ट को इस फील्ड में जॉब के लिए आना चाहिए ताकि देश का सर्वागीण विकास हो सके।

देश में ख्क् परमाणु रिएक्टर

मुंबई से आए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के मीडिया हेड आरके सिंह ने बताया कि इंडिया में ख्क् परमाणु रिएक्टर काम कर रहे हैं। इस साल के आखिरी तक कुणाकुलम में एक हजार मेगावाट का परमाणु ऊर्जा संयत्र चालू हो जाएगा। कुछ नये परमाणु ऊर्जा संयत्र गुजरात में लगाने की योजना है। जिसकी क्षमता क्0 हजार मेगावाट होगी।

लीची म्0 दिन तक सुरक्षित रहेगी

भाभा परमाणु शोध सेंटर ने यूआईईटी में स्कूली छात्र छात्राओं के लिए एक प्रदर्शनी लगाई। जिसमें समुद्र के खारे पानी को पीने योग्य बनाने का मॉडल छात्रों को बहुत पंसद आया। रेडिएशन से बचाव वाले प्रोटक्शन गियर के बारे में बच्चे पूरी जानकारी करते रहे। रेडिएशन फूड प्रोसेसिंग सिस्टम में फल या आलू को गामा किरणों के बीच से गुजारते हैं जिससे उसकी लाइफ बढ़ जाती है और वैक्टीरिया फ्री हो जाती है। अमेरिका में अल्फांसो और केसर आम की बहुत डिमांड है। इसलिए आम को रेडियशन फूड प्रोसेसिंग करके भेजा जाता है। इस प्रॉसेस से लीची म्0 दिन तक सुरक्षित रह सकती है।

सिक्योरिटी ना‌र्म्स पर फोकस करें

प्रोग्राम में एटामिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड के पूर्व सेकेट्री डॉ। ओम पाल सिंह ने विस्तार से जानकारी दी। कहा, परमाणु ऊर्जा को हौव्वा न बनाया जाए। सिक्योरिटी के जो ना‌र्म्स बनाए गए हैं उनका अनुपालन करना चाहिए। प्रोग्राम का संचालन डॉ। ऋचा वर्मा ने किया। आए हुए गेस्ट का वेलकम प्रोग्राम के कोऑर्डिनेटर डॉ। मनीष गुप्ता ने किया। प्रोग्राम में डॉ। शिखा प्रसाद, डॉ। प्रवीन कटियार, डॉ। बीपी थापा, डॉ। सास्वती सरकार मौजूद रहीं।