JAMSHEDPUR: यूजीसी के निर्देशों के अनुसार अब कट-पेस्ट के रिसर्च मान्य नहीं होंगे। कट-पेस्ट का रिसर्च पेपर अगर प्रस्तुत किया जायेगा तो उसे सॉफ्टवेयर पकड़ लेगा। इस कारण रिसर्च करने वाले स्टूडेंट्स को कई तरह की सावधानियों को बरतने की जरूरत है और अब पहले की अपेक्षा ज्यादा मेहनत करना होगा, ताकि उनका रिसर्च मान्य हो सके। ये बातें रविवार को वीमेंस कॉलेज जमशेदपुर में आयोजित प्रेस कान्फेंस के दौरान कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ। शुक्ला माहांती ने कहीं। उन्होंने कहा कि वीमेंस कॉलेज में यूजीसी द्वारा प्रायोजित रिसर्च प्रक्रिया पर सात दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन ख्क् जनवरी से किया गया है। यह सेमिनार ख्7 जनवरी तक चलेगा। इसमें विभिन्न यूनिर्वसिटी के कई स्पेशलिस्ट कई तरह के रिसर्च सब्जेक्टस और उनकी प्रक्रियाओं पर अपनी बातों को रखेंगे। प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान फैकिल्टी छगन अग्रवाल, डॉ। पियाली विश्वास के साथ ही कॉमर्स डिपार्टमेंट के कई प्रोफेसर उपस्थित थे।

बताएंगे रिसर्च की बारिकियां

सेमिनार का आयोजन वीमेंस कॉलेज की फैक्लिटी ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट की ओर से किया जा रहा है। अस दौरान फैक्लिटी ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट की डीन सह हेड डॉ। दीपा शरण ने बताया कि इस तरह का सेमिनार में झारखंड प्रदेश में पहली बार आयोजित होने जा रही है। सेमिनार का उद्घाटन मुख्य अतिथि एनएमएल के डायरेक्टर डॉ एनजी गोस्वामी करेंगे। वहीं मुख्य वक्ता एक्सएलआरई के प्रोफेसर फादर ओस्वाल्ड होंगे। दोपहर के बाद यहां एक्सएलआरआई के डॉ। प्रबाल सेन रिसर्च की बारीकियों से अवगत करायेंगे। ख्ख् जनवरी को रिसर्च की प्रकृति के बारे लक्ष्मीबाई यूनिवर्सिटी ग्वालियर के डॉ। जेपी वर्मा अपने विचार रखेंगे। इसके अलावा रिसर्च के मूल्यों पर डॉ। माधुरी सदगिर, ई-रिसोर्स पर डॉ। मंगला काफी विस्तार से रिसर्च की बारीकियों को समझायेगी।