छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: कोल्हान के आदिवासी 23 अप्रैल को दलमा जंगल में सेंदरा पर्व मनाएंगे। इसके लिए एक तरफ जहां आदिवासी समुदाय व्यापक तैयारी कर रहा तो वहीं दूसरी ओर वन विभाग ने भी कमर कस ली है। इन सबके बीच खबर यह भी आ रही है कि जंगल में इस बार हाथियों का बड़ा झुंड विचरण कर रहा है, जो शिकारियों के लिए खतरा साबित हो सकता है। बहरहाल, सेंदरा पर्व पर जंगली जानवरों का शिकार रोकने के लिए 20 वाहनों से वन विभाग के पदाधिकारी व कर्मचारी पेट्रोलिंग करेंगे। डीएफओ ने बताया कि प्रमुख रास्तों व एंट्री प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरें लगाए गए हैं, जो रास्ते में चल रहे वाहनों व शिकारियों के पर नजर रखेगी ताकि बंदूक जाल-फांस लेकर जंगल की ओर न जा सकें।

कर्मचारियों की ट्रेनिंग

सेंदरा महापर्व के मद्देनजर शनिवार को मानगो वन विभाग परिसर में इक्को विकास समिति व वन विभाग के कर्मचारियों के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें गया कि वे इस वर्ष सेंदरा पर्व के दौरान मुख्य रूप से पूजा-पाठ, नाच-गान, खेलकूद कराएं, लेकिन जंगली जानवरों का शिकार न करें। पर्व के दौरान अपने साथ बंदूक, जाल-फांस, वन्यप्राणी को बेहोश करने की दवा आदि किसी भी सूरत में नहीं ले जाएं। बैठक में दलमा के डीएफओ सीपी सिन्हा, जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम अंसारी, एसीएफ सुशील उरांव, रेंजर आरपी सिंह उपस्थित थे।

ला सकते पारंपरिक हथियार

बैठक में कहा गया कि आदिवासी अपने पारंपरिक वेशभूषा व हथियार लेकर आ सकते हैं, लेकिन पूजा पाठ कर नाच-गान कर ही पर्व की परंपरा को पूरी करें। एसीएफ सुशील उरांव ने उदाहरण देते हुए समझाया कि आज के समय में जंगली जानवरों का शिकार करना सही नहीं है।

होगी कानूनी कार्रवाई

सेंदरा के दौरान दलमा जंगल में एक भी जानवर का शिकार न हो इसके लिए कई तरह के कदम उठाए गए हैं। विभाग अलर्ट है। रोकथाम के लिए 15 स्थानों पर चेकनाका बनाये गए हैं। जहां जांच के बाद आदिवासी-मूलवासी को नाका से अंदर की ओर जाने दिया जाएगा। दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के रेंजर आरपी सिंह ने बताया कि सेंदरा पर्व के दौरान कोई भी शिकारी शिकार करते पकड़ा गया तो उनके खिलाफ वन्य प्राणी हत्या अधिनियम के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि कानून के तहत शिकार करने वाले व्यक्ति को अधिकतम 12 साल की सजा तथा 25 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।

यहां बनाए गए चेक नाका

- दाड़ीसोल नाका बहरागोड़ा

- बहरागोड़ा चेक नाका

- धालभूमगढ़ चेक नाका

- कालीमंदिर एनएच 33 चेक नाका

- घाटशिला चेक नाका

- हाता चेक नाका

- पीपला चेक नाका

- देवघर भिलाई पहाड़ी चेक नाका

- गुमनडीह चेकनाका

- आदित्यपुर जयप्रकाश उद्यान नाका

- चांडिल रेलवे स्टेशन नाका

- टाटानगर रेलवे स्टेशन नाका

- भादुडीह चेक नाका

- रघुनाथपुर नीमडीह चेक नाका

- गेरूआ चेक नाका

कल्चरल प्रोग्राम कल

आसनबनी में सेंदरा के एक दिन पूर्व यानि 22 अप्रैल की संध्या से खेलकूद का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा आदिवासियों के मनोरंजन के लिए सिंगराई नाच-गान प्रतियोगिता होगी। इसके अलावा सेंदरा बाजा प्रतियोगिता आदि कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। सभी कार्यक्रम 23 मई की सुबह तक होगी, इसके पश्चात लोग दलमा की ओर अपने वन देवी की पूजा के लिए कूच करेंगे। झारखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय कुमार के निर्देश पर सेंदरा पर्व के मद्देनजर पत्रकारों को जानकारी देने के लिए कमलेश पांडेय (वन संरक्षक वन्यप्राणी प्रमंडल रांची) तथा अजय कुमार (सहायक वन संरक्षक रांची) को मीडिया प्रभारी बनाया गया है, जो दलमा आश्रयणी क्षेत्र में रहकर मीडियाकर्मी से बातचीत करेंगे।

मुखिया ने किया विरोध

बैठक में शहरबेड़ा के इको विकास समिति के अध्यक्ष नरसिंह सरदार ने यह कहते हुए भोजन का बहिष्कार कर दिया कि इको विकास समिति के लोगों से वन विभाग के अधिकारी या कर्मचारी न मिलते हैं और न बैठक करते हैं। जब सेंदरा का समय आता है, तभी बैठक बुलाई जाती है। इस पर डीएफओ ने लोगों को समझाया और कहा कि प्रत्येक माह इक्को विकास समिति के साथ बैठक करना संभव नहीं है।

बनाए गए कंट्रोल रूम

कंट्रोल रूम मानगो कार्यालय - 8986881436

उप वन संरक्षक दलमा - 9431369372

वन क्षेत्र पदाधिकारी दलमा - 9431179348

पिंड्राबेड़ा रेस्ट हाउस - 8986881424