-सिटी के दो होटलों की बुजुर्ग ने एसपी सिटी से की शिकायत

-ज्यादातर होटलों में देर रात तक बजते हैं डीजे

-खुलेआम उड़ायी जा रही हैं नियमों की धज्जियां

BAREILLY: पार्टी की मौज-मस्ती के साथ हो-हल्ला शगल सा बनता जा रहा है, इसमें डीजे का कानफोड़ू शोर पब्लिक का जीना मुहाल कर दिया है। पब्लिक खासतौर पर सीनियर सिटीजन तेज शोर-शराबे से बुरी तरह परेशान हैं। किसी को हाइपर टेंशन तो किसी को अनिद्रा व तनाव ने घेर रखा है। लेकिन उनकी समस्या दूर होती नजर नहीं आ रही है, क्योंकि शोर की शिकायतें कई मर्तबा पुलिस से की गयीं, पर वह बेअसर रहीं। ।

शोर से पूरी रात जागना पड़ता है

सीनियर सिटीजन सतीश कुमार सोनी, स्टेशन रोड स्थित सर्वती अपार्टमेंट में रहते हैं। उन्हें शुगर, हाइपरटेंशन और रैटीना की बीमारी है। इनके जैसे न जाने कितने लोग हैं, जिन्हें शोरगुल के चलते रात भर जागना होता है। ऐसे में डीजे की तेज आवाज उनके लिए झल्लाहट का सबब बन गयी है। तेज आवाज के चलते न तो वह रातों की नींद ले पा रहे हैं और न ही उन्हें सुकून मिल पा रहा है। यह सब कुछ उनके घर के पास स्थित दो होटलों में देर रात होने वाली पार्टियों के चलते हो रहा है. लिहाजा,

कोतवाली में शिकायत रही बेअसर

सतीश कुमार सोनी ने दोनों होटलों की शिकायत कोतवाली में पहले भी किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। लिहाजा, थक-हारकर उन्होंने एसपी सिटी की चौखट पर गुहार लगायी है। हैरत की बात है कि कार्रवाई के लिए मामला एक बार फिर कोतवाल के पाले में पहुंच गया है।

कमाई के चक्कर में दूसरों को देते हैं दर्द

सतीश कुमार सोनी अकेले बुजुर्ग नहीं हैं जिन्हें रात में बजने वाले डीजे से प्राब्लम होती हो। सिटी के हजारों बुजुर्ग और बच्चों को रात में बजने वाले डीजे से प्राब्लम होती है। कुछ लोग शिकायत करने जाते हैं लेकिन जब सुनवाई नहीं होती है तो वह भी थक हारकर बैठ जाते हैं। स्टेशन रोड पर सबसे ज्यादा होटल हैं। इन होटलों में आए दिन पार्टियां होती रहती हैं। शादियों के सीजन में ये सिलसिला बढ़ जाता है। अपनी कमाई करने के चक्कर में तय टाइम के बाद भी तेज आवाज में डीजे बजाने में होटल कतई नहीं कतराते हैं। कोई शिकायत भी करता है तो पैसों की धमक के चलते सब कुछ निबटा लिया जाता है।

खुले में भी बजते हैं देर रात तक डीजे

होटल व गेस्ट हाउस के अलावा खुले में भी शादी-समारोह के दौरान तेज आवाज में डीजे बजते रहते हैं। जबकि खुले में डीजे बजाना और भी खतरनाक हो जाता है। इससे आसपास रहने वाले हजारों लोगों की नींद खराब हो जाती है। अगर कोई परेशान व्यक्ति गलती से शिकायत लेकर पहुंच भी जाता है तो उसके साथ बदतमीजी से पेश होते हैं।

शादी बार-बार नहीं होती का देते हैं हवाला

डीजे की शिकायत लेकर अगर कोई शख्स पहुंचता भी है तो उसे तर्क देकर वापस भेज दिया जाता है। ज्यादातर लोग यही कहते हैं कि शादी हो रही है, रोज-रोज तो शादी नहीं होती है। जिंदगी में एक बार शादी होती है इसलिए इंज्वाय करना तो बनता है।

क्या कहता है कानून

रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर व डीजे बजाने पर रोक है। इस बाबत मिनिस्ट्री ऑफ इनवॉयरनमेंट एंड फॉरेस्टर और फारेस्ट से 2000 में जारी गाइडलाइंस के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त निर्देश जारी कर रखे हैं। ध्यान रहे कि रात ही नहीं दिन में भी लाउडस्पीकर बजाने के मानक तय हैं। मानक के हिसाब से किस एरिया में कितनी आवाज में लाउडस्पीकर बजाया जा सकता है। साइलेंस जोन यानि, हॉस्पिटल, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और कोर्ट, धार्मिक स्थल से 100 मीटर के दायरे में किसी भी समय लाउडस्पीकर नहीं बजाया जा सकता है। बरेली में लॉ एंड आर्डर को ध्यान में रखते हुए डीजे पर पूरी तरह से बैन है लेकिन इसके बावजूद नियमों की जमकर धज्जियां उड़ायी जा रही हैं।

क्या हैं मानक

एरिया डे टाइम नाइट टाइम

रेजिडेंशियल एरिया 55 डीबी (ए) एलई क्यू 45 डीबी (ए) एलई क्यू

साइलेंस जोन 50 डीबी (ए) एलई क्यू 40 डीबी (ए) एलई क्यू

इंडस्ट्रियल एरिया 75 डीबी (एए) एलई क्यू 70 डीबी (ए) एलई क्यू

कमर्शियल एरिया म्भ् डीबी (ए) एलई क्यू भ्भ् डीबी (ए) एलई क्यू

तेज आवाज से हो सकते हैं बहरे

7भ् डीबी से अधिक शोर बड़े खतरे की ओर इशारा करता है। इससे लोगों की हियरिंग पावर भी जा सकती है। इंसान मैग्जिमम 80 डेसीबल तक सुन सकता है। जबकि डीजे से क्क्0 से क्ख्0 डेसीबल तक की आवाज निकलती है। डीजे में काम करने वाले लोग भी हियरिंग की प्राब्लम लेकर उनके पास पहुंचते हैं। तेज आवाज से चक्कर भी आने शुरू हो जाते हैं। इससे बेक्सोट्रामा हो जाता है। इसे आवाज के प्रेशर से होने वाला ट्रामा भी कहते हैं। कई बार दौरा पड़ना भी शुरू हो जाता है। छोटे बच्चे के लिए भ् डेसीबल भी बहुत आवाज हो जाती है.''

सोमेश मेहरोत्रा, फिजीशियन

''शादियों का सीजन चल रहा है। रात में दस बजे के बाद डीजे पर पूरी तरह से पाबंदी है। व्यवहारिक तौर पर पालन कराने में दिक्कतें आती हैं लेकिन कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए सभी थानों को निर्देश दे दिए गए हैं.''

राजीव मल्होत्रा, एसपी सिटी बरेली