- रोडवेज की बसों में एंटी कोलीजन डिवाइस का ट्रायल शुरू

- रोड एक्सीडेंट की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम में होगा सहायक

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KANPUR। बसों से होने वाले एक्सीडेंट पर ब्रेक लगाने के लिए रोडवेज विभाग ने अपनी वॉल्वो व स्कैनिया बसों में एंटी कोलीजन डिवाइस का ट्रायल शुरू कर दिया है। सेंसर बेस्ड ये डिवाइस बसों को हादसों से बचाने में कारगर साबित होगी। डिवाइस की खासियत है कि बस चलाते हुए अगर ड्राइवर को झपकी आ जाती है तो ये डिवाइस उसे नींद से भी जगा देगी। इसके बाद भी अगर ड्राइवर कोई रिसपांस नहीं देता है तो डिवाइस खुद बस में ब्रेक लगा देगी।

कंट्रोल करेगा बस की स्पीड

रेलवे की तर्ज पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रबंध तंत्र ने दुर्घटना को रोकने के लिए बसों में एण्टी कोलिजन डिवाइस का यूज करने की तैयारी की है। इस डिवाइस की विशेषता यह है कि बस चलाने के दौरान अगर ड्राइवर को झपकी आ जाती है तो ये डिवाइस सायरन बजा कर ड्राइवर को जगा देगी। वहीं बस की स्पीड आटोमैटिकली कंट्रोल भी कर देगी।

डिवाइस लगाएगी खुद ब्रेक

रास्ते में चलते वक्त अगर किसी बस के सामने कोई आ जाता है और निर्धारित दूरी पर ब्रेक नहीं लगता है तो ये डिवाइस खुद ही ब्रेक लगा देगी। इस डिवाइस में लगे सेंसर 20 मीटर तक की दूरी को ट्रेस करेंगे। पहले एक सायरन बजा कर ब्रेक लगाने का निर्देश देंगे, लेकिन अगर ड्राइवर ने ब्रेक नहीं लगाया तो खुद ब्रेक लगा देंगे। डिवाइस स्पीड के हिसाब से ब्रेक लगाएगी। यानी कि अगर स्पीड कम है तो ब्रेक देर में लगेगी और अगर स्पीड ज्यादा है तो ब्रेक भी जल्दी लगाएगी।

क्या है एंटी कोलीजन डिवाइस

- इस डिवाइस की कीमत 50 हजार रुपये है।

- यह डिवाइस सेंसर के माध्यम से तय की गई दूरी पर यदि ब्रेक नहीं लगता है तो सामने खड़े किसी भी वाहन के टकराने से पहले स्वत: ब्रेक लगा देती है।

- बस चलाते समय ड्राइवर को झपकी लगती है तो यह डिवाइस पहले उसे अलर्ट करती है। यदि ड्राइवर कोई हरकत नहीं करता है तो स्वत: ही ब्रेक लगा देती है।

दो बसों में शुरू हुआ है ट्रायल

रायल क्रूजर की रोडवेज विभाग में 40 वॉल्वो व चार स्कैनिया बसें चल रही हैं। जिसमें ये डिवाइस लगनी है। सबसे पहले लखनऊ से आनंद विहार चलने वाली दो बसों में इसे ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किया गया है।

बसों से होते हैं कई एक्सीडेंट

बसों से एक्सीडेंट होने के मामले भी खूब बढ़े हैं। ट्रैफिक विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 60 मामले बसों से एक्सीडेंट होने के सामने आए हैं। जिनमें 30 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। ओवरस्पीड के कारण कई बड़े बस एक्सीडेंट हो चुके हैं।

हाल के दिनों में बसों से हुए एक्सीडेंट

- कानपुर देहात में मार्च में एक प्लेटिनम बस में ट्रक से टकरा गई थी

- फरवरी में पनकी क्षेत्र में वॉल्वो खड़ी जीप से टकरा गई थी

- नौबस्ता गल्ला मंडी में बस व टैंपो की टक्कर होने से 2 लोग घायल

'एंटी कोलीजन डिवाइस लगाने का काम ट्रायल पर है। लखनऊ में कुछ बसों में इस तकनीक को शुरू किया गया है। इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी.'

- नीरज सक्सेना, आरएम