प्रिंस अली बिन अल-हुसैन को मात देकर सेप ब्लैटर एक बार फिर फीफा अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गए हैं. इस बार ये पांचवा मौका है जब उन्होंने ये जिम्मेदारी संभाली है. पहले चरण के में प्रिंस अली को दो तिहाई से कम वोट मिलने की वजह से सेंकेंड स्टेप में वोटिंग की बात की गयी लेकिन अली ने अपना नाम वापस ले लिया और ब्लैटर बिना दूसरे चरण के मतदान के फीफा के अध्यक्ष घोषित कर दिए गए. पहले चरण के मतदान में ब्लाटर को 133 मत मिले थे, जबकि अल हुसैन 73 मत हासिल कर सके. ब्लैटर 1998 से लगातार फीफा के अध्यक्ष हैं और यह उनका पांचवां कार्यकाल होगा.

अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार के व्यापक आरोपों के बीच बुधवार को फीफा के सात अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद ब्लैटर चारों ओर से आलोचना झेल रहे थे और उनसे इस्तीफा देने की मांग की जा रही थी. उन्होंने फीफा कांग्रेस में कहा कि उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. तो ठीक है वे इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं. उन्होंने फीफा को मजबूत बनाने का वादा करते हुए कहा कि वे फिर शिखर पर पहुंचना चाहते हैं और फीफा को इस तूफान से बाहर निकालना चाहते हैं.

 

शुरुआत में अध्यक्ष पद के लिए चार दावेदार थे, लेकिन पुर्तगाल के पूर्व खिलाड़ी लुइस फिगो और डच फुटबॉल संघ के अध्यक्ष माइकल वॉन प्राग के हटने से मुकाबले में दो ही व्यक्ति रह गए थे. फीफा के सदस्य संघों में कुल छह परिसंघ आते हैं। इनमें से एशियन फुटबॉल परिसंघ के पास 46, अफ्रीकी फुटबॉल परिसंघ में 54, उत्तरी एवं मध्य अमेरिका तथा कैरेबियाई फुटबॉल परिसंघ में 41, कोनमेबोल में 10, ओसिनिया फुटबॉल परिसंघ में 11 और यूरोपियन फुटबॉल संघ (यूईएफए) में कुल 53 सदस्य हैं. कुल 215 सदस्यों में से फीफा ने सिर्फ 209 सदस्यों को मताधिकार दिए हैं.

सेप ब्लैटर ने फीफा के 65वें अधिवेशन से ठीक पहले फीफा अधिकारियों की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाए. ब्लाटर ने अपने संबोधन में कहा कि फीफा अध्यक्ष पद के चुनाव से ठीक दो दिन पहले इस तरह की घटनाओं का घटना सही नहीं है. वे इसे संयोग नहीं मानते और उनके पास अपने सर्मथन में इसे लेकर कुछ सवाल भी जरूर हैं. उन्होंने कहा कि सभी को पता है कि संगठन कठिन समय से गुजर रहा है. वे इसे अभूतपूर्व नहीं कहना चाहते. इस घटना ने संगठन को संकट में डाल दिया है, इसलिए उन्होंने सबसे इस संकट को दूर करने का दनुरोध करते हुए कहा कि उन्हें खुद को मजबूत रखना होगा. वे फुटबॉल की छवि को धूमिल नहीं होने दे सकते.

भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरी फीफा ने शुक्रवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया है कि उसने पूरी दुनिया में फुटबॉल के विकास पर 1999 से अब तक दो अरब डॉलर (करीब 127 अरब, 45 करोड़ रुपये) से अधिक की राशि खर्च की है. यह एक ऐसी उपलब्धि है जो फीफा की अपने संबद्ध सदस्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह भी दर्शाता है कि इसका पहला लक्ष्य फुटबॉल का विकास ही है. फीफा ने 2015 से 2018 की अवधि के लिए महिला फुटबॉल के लिए अपने बजट को दोगुना कर दिया है, जिसे फीफा के पिछले अधिवेशन में मंजूरी दी गई थी.

Hindi News from Sports News Desk

inextlive from News Desk