जेल में गुजर गए 6 साल
बलात्कार के जुर्म में गोपाल शेट्टे को 2009 में 7 साल की सजा मिली। जेल में 6 साल गुजर जाने पर पता चला कि गोपाल बेगुनाह है और उसे बाइज्जत बरी कर दिया गया है। अब गोपाल ने अपनी जिंदगी के महत्वपूर्ण 6 सालों का हिसाब मांगा है। उन्होंने अदालत से 200 करोड़ के हर्जाने की मांग की है। शेट्टे ने सजा सुनाने वाले सेशन कोर के जज, सरकारी वकील और जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

सदमे से पिता की हो गई मौत

6 साल पहले 42 वर्षीय गोपाल रामदास शेट्टे मुंबई में कुछ बनने का सपना लेकर आए थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उनके ऊपर रेप का झूठा आरोप लगा। जिसके चलते उन्हें 7 साल की सजा हो गई। इस खबर को सुनकर उनके पिता की सदमे में मौत हो गई। पत्नी घर छोड़कर चली गई और बेटियां अनाथ आश्रम में पहुंच गईं। इन सब के बाद भी गोपाल ने हिम्मत नहीं हारी और जेल में रहते हुए अपनी बेगुनाही के सबूत जुटाए। यही नहीं पैसे न होने के कारण अपने केस की पैरवी खुद ही की।

कैसे पहुंचे जेल
मुंबई के घाटकोपर रेलवे स्टेशन के पुल पर साल 2009 में एक लड़की के साथ रेप हुआ था। बलात्कारी का नाम गोपी बताया गया था। रेलवे पुलिस ने गोपाल को गोपी समझकर आरोपी बना दिया। हालांकि गोपाल ने बताया कि वह गोपी नहीं बल्िक गोपाल रामदास शेट्टे है और मुंबई में काम करने के लिए आया है लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी। 4 दिन लॉकअप में रखने के बाद उसे आरोपी बना दिया गया। इसके बाद जब लड़की को पहचान के लिए बुलाया गया तो वह गोपाल को पहचान नहीं पाई। लेकिन पुलिस ने इसे आरोपी बना दिया।

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