- शहर के कई एरियाज में सप्लाय वाटर व सीवरेज साथ-साथ

- बिना वाटर बोर्ड के एनओसी के ही बन रहा है नाला

PATNA : इन दिनों शहर की आबादी के साथ गंदा मजाक किया जा रहा है। दरअसल, शहर में जो भी लोग सप्लाय वाटर का यूज पीने के लिए कर रहे हैं, वे डायरेक्ट अपनी मौत को गले लगा रहे हैं। एक तरफ सप्लाय वाटर का गंदा पानी तो दूसरी ओर अब उस पर पूरे एरिया का गंदा पानी बहाया जा रहा है। इसके लिए नाला तैयार किया जा रहा है। बुडको की ओर टुडा कंपनी इसे बना रही है। इस दौरान कंपनी ने कभी भी यह जानने की कोशिश नहीं की कि अगर सप्लाय वाटर के ऊपर नाला बन जाता है, तो इस एरिया में रहने वाले पब्लिक का क्या होगा। वहीं, वाटर बोर्ड से इसके लिए एनओसी तक नहीं ली गयी। लिहाजा, कई जगह सप्लाय वाटर के उपर नाला बनकर तैयार है, तो कई जगह प्रॉसेस में है। चकाराम एरिया की हालत खराब है। कई दिनों से यहां नाले का निर्माण हो रहा है। इस दौरान सप्लाय वाटर को ध्वस्त कर या फिर जैसे-तैसे पानी को रोक कर उसके उपर नाला बनाया जा रहा है।

लाखों लोगों के साथ हो रहा मजाक

सरपेंटाइन रोड पर कई किलोमीटर सप्लाय वाटर के उपर नाला बनकर तैयार हो गया है। हालत यह है कि अगर लिकेज की प्रॉब्लम आती है तो फिर वो ठीक भी नहीं हो पा रही है। यही नहीं, मीठापुर में पांच से छह जगहों पर नाला और सप्लाय वाटर एक साथ कई किलोमीटर तक गया है। शिवपुरी एरिया की हालत और भी बुरी है। यहां पर दस से अधिक जगहों पर नाला और सप्लाय वाटर का पानी एक साथ मिलते हुए घर जा रहा है और इस पर किसी का कंट्रोल नहीं है। यही हाल जय प्रकाश नगर, समनपुरा, मजिस्ट्रेट कॉलोनी का भी है। फिलहाल, इस पर कंट्रोल नहीं होने से सप्लाय वाटर का पानी दिन-ब-दिन नीचे दबता जा रहा है।

पाइप पंचर बनाना तक हो रहा है मुश्किल

वाटर बोर्ड के इंजीनियर विनोद कुमार तिवारी ने बताया कि इन एरिया में मिलने वाली लिकेज की प्रॉब्लम को दूर कर पाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरपेंटाइन रोड से लेकर मीठापुर और शिवपुरी में अगर पानी लिकेज की कंप्लेन आती है, पर संभव नहीं है कि अंदर में जाकर उसकी मरम्मती की जा सके।

सड़क किनारे दबते जा रहा सप्लाय वाटर

सप्लाय वाटर को लेकर कई तरह के काम होने हैं, पर पाइप लाइन की हालत है कि घरों तक पहुंचने से पहले यह कहीं नाला तो कहीं सड़क के अंदर पूरी तरह दब चुका है। अब हर समय सड़क या नाला तोड़ना संभव नहीं है, इसलिए घरों तक साफ पानी पहुंचे इसके लिए पानी का प्रेशर ही बढ़ा दिया जाता है।

नालों में बहता जा रहा हजारों लिटर पानी

इंजीनियर विनोद कुमार तिवारी ने बताया कि सप्लाय वाटर का रिसाव जिस तेजी से हो रहा है, बगैर मरम्मती के परेशानी और भी बढ़ जाएगी। घरों तक पहुंचने वाला पानी नाले की दीवार को भी धीरे-धीरे ध्वस्त करने में लगा रहता है और फिर जान पर बन आएगा।

कई तरह की बीमारियों का खतरा

अगर नाले का पानी सप्लाय वाटर के रास्ते जाता है और पानी में एक बूंद भी गंदगी मिल जाती है, तो पेट के लिए प्रॉब्लम खड़ी कर सकता है। पीएमसीएच के फिजिशियन डॉ। राजन ने बताया कि ऐसे में पटनाइट्स को चाहिए कि पानी को उबाल कर ठंडा करें, फिर फिल्टर में डालकर यूज करें।