- गवर्नमेंट की ओर से लीगल एक्शन नहीं होने से कई कॉलेज हैं आज भी एकेयू से बाहर

- सभी टेक्निकल इंस्टीच्यूट को एक साथ लाने के लिए एकयू की हुई थी स्थापना

- एकेयू टेक्निकल एजुकेशन में क्वालिटी पर दे रहा है जोर

- नहीं हो पा रहा है एक समान सिलेबस

PATNA : आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी की स्थापना का उद्देश्य स्टेट में सभी टेक्निकल एजुकेशन के दिशा-दशा को पटरी पर लाना था। बिहार गवर्नमेंट ने एकेयू एक्ट ख्008 लाया। क्क् अगस्त ख्008 को गजट पब्लिश किया गया। इसमें एकेयू को स्टेट के सभी प्रोफेशनल कोर्स इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, बॉयो टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, मेडिकल, हेल्थ टेक्नोलॉजी, फार्मेसी, नर्सिग, लॉ आदि एजुकेशन देने के लिए नोडल यूनिवर्सिटी के रूप में मान्यता दी गई है। आज भी कई प्राइवेट मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग, बीएड-एमएड आदि एजुकेशन इंस्टीयूट्स एकेयू के अंदर नहीं आ पाए हैं।

कई प्राइवेट कॉलेज एकेयू से दूर

बिहार के सभी गवर्नमेंट मेडिकल, इंजीनियरिंग व डेंटल कॉलेज, बीएड कॉलेज, क्क् कम्यूनिटी कॉलेज एकेयू के अधीन है। एकेयू द्वारा इन कॉलेजों के एजुकेशन सिस्टम को सुधारने के लिए एकेडमिक कैलेंडर को सुधारा गया। टाइम से एग्जाम व रिजल्ट में सुधार किया गया। एग्जाम पैटर्न में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए।

प्राइवेट में ज्यादा नंबर

एकेयू के स्टूडेंट्स की कंप्लेन होती है कि आर्यभट्ट के स्टूडेंट्स को कम नंबर आता है। यूनिवर्सिटी से बाहर के कॉलेज के स्टूडेंट्स का परसेंट बहुत ज्यादा होता है।

टाइमिंग से हो रहा फायदा

एग्जाम कंट्रोलर ई राजीव ने बताया कि वीसी प्रो यूके मिश्रा के प्रयास से ख्0क्क्-क्भ् का सेशन अपडेट हो है। जून के दूसरे वीक में स्टूडेंट्स के हाथ में डिग्री मिल जाएगी। सेशन अपडेट होने का फायदा स्टूडेंट को मिल रहा है। बिहार के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स नेशनल लेवल के कांपटीशन गेट आदि में हिस्सा लेने के लिए अब इंतजार नहीं करते। कैंपस सेलेक्शन के लिए कंपनियां पहले की अपेक्षा ज्यादा इंट्रेस्ट ले रही हैं।

गवर्नमेंट की पॉलिसी स्पष्ट नहीं

स्टेट गवर्नमेंट ने एकेयू एक्ट ख्008 के तहत अन्य स्टेट की तरह बिहार में अलग से टेक्निकल यूनिवर्सिटी स्थापित किया। एकेयू की स्थापना के पीछे गवर्नमेंट का मोटो टेक्निकल एजुकेशन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करना एवं बेहतर मैनेजमेंट उपलब्ध कराना था, लेकिन स्टेट गवर्नमेंट की ओर से प्राइवेट कॉलेज के लिए स्पष्ट निर्देश नहीं होने से कई यूनिवर्सिटी इससे बाहर है।

क्वालिटी टीचिंग पर जोर

कॉलेज के प्रो अजय प्रताप ने बताया कि एकेयू अपने कॉलेज में क्वालिटी एजुकेशन के लिए कई कदम उठा रही है। कॉलेजों का लगातार इंसपेक्शन किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी की एफिलेशन ऑफ ए न्यू टीचिंग प्रोग्राम कमेटी की बैठक हो चुकी है। सभी काम टाइम से हो इसके लिए एकेडमिक कैलेंडर जारी हो चुका है।

स्टेट में कई फर्जी बीएड कॉलेज

स्टेट में क्7ख् प्लस बीएड कॉलेज हैं। एकेयू से मात्र क्क् कॉलेज जुड़े हैं। टीईटी पास किसी भी कीमत पर टीचर्स ट्रेंनिंग करना चाहते हैं। ऐसे में कई स्टूडेंट फर्जी कॉलेजों के चक्कर में पड़ जाते हैं। बीएड कॉलेज के लिए सात टीचर व एक प्रिंसिपल होना चाहिए। प्राय: कॉलेजों में सही रेशिओ में टीचर नहीं हैं, स्टूडेंट रेग्युलर क्लास नहीं करते हैं। कई यूनिवर्सिटी में सेशन लेट है। एग्जाम व रिजल्ट टाइम से नहीं हो पा रहा है। वहीं एकेयू का सेशन अपडेट है।

कंप्लेन सही नहीं है। एग्जाम टाइम पर होता है। स्टूडेंट रिजल्ट की तुलना प्राइवेट इंस्टीच्यूट्स से करते हैं। वहां के एग्जाम व रिजल्ट आदि कोई बात छुपी नहीं है।

- ई राजीव रंजन, एग्जाम कंट्रोलर, एकेयू