RANCHI: लोअर बाजार थाना पुलिस ने रांची में व्हाट्सएप्प ग्रुप के जरिए चल रहे सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मामले में मास्टरमाइंड राजन सिंह, फूड वेले के मैनेजर मनोज और सोनू कुमार को गिरफ्तार किया है। जबकि, वेश्यावृत्ति में शामिल लड़कियां मौका पाकर फरार हो गईं।

क्या है मामला

रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी को सूचना मिली थी कि सोशल साइट्स के जरिए जिस्म का बाजार फैल रहा है। एसएसपी ने इस संबंध में सिटी डीएसपी शंभू कुमार सिंह और लोअर बाजार इंस्पेक्टर सुमन कुमार सिन्हा को सेक्स रैकेट का उद्भेदन करने के लिए कहा था। पुलिस ने छापेमारी की तो राजन सिंह पकड़ा गया। उसने पुलिस को बताया कि वह रांची में जिस्म के कारोबार का काम करता है। एक रात लड़की देने के नाम पर कस्टमर से आठ से लेकर दस हजार रुपए तक लेता था। उसके इस काम में सोनू नामक युवक साथ देता था। वह उसके पास कस्टमर खोज कर लाता था।

ऐसे चल रहा सेक्स रैकेट

शहर में सैक्स रैकेट चलाने वाले लोगों की तादाद कम नहीं है। उनके धंधे में दिल्ली, पंजाब, कोलकाता, लच्छीपुर की लड़कियां ज्यादा शामिल हैं। व्हाट्सएप्प तथा फेसबुक के जरिए पहले ये ग्राहक तलाशते हैं फिर जब विश्वास कायम हो जाता है, तो उन्हें अपना व्हाट्सएप्प नंबर दे देते हैं। इसके बाद डिलीवरी करने वाली लड़कियों की फोटो को वे उनके पास भेजते हैं। साथ ही उनकी कीमत भी दर्शा देते हैं। सब कुछ फाइनल होने के बाद चयनित लड़की को वे ग्राहक तक भेज देते हैं। लिहाजा जिस्मफरोशी ऐसे लोगों के लिए काफी आसान हो चुकी है।

रांची में कई गिरोह एक्टिव

जिस्मफरोशी के धंधे में शामिल लोगों के लिए अब सोशल साइट्स सबसे बड़ा जरिया बन गया है। सेक्स रैकेट चलाने वाले लोग फेसबुक और व्हाट्सएप्प का इस्तेमाल खुलकर कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ दलाल ही इन साइट्स का प्रयोग करते हैं, बल्कि वो लड़कियां भी शामिल हैं, जो डायरेक्ट डील करती हैं। शहर के भी कई लोग अब इस सुविधा का खासा लाभ उठा रहे हैं।

व्हाट्सएप्प ग्रुप से बचता है पैसा

राजन ने पुलिस को बताया कि पहले उन्हें बड़ी दिक्कत आती थी। चूंकि लड़कियां लाने-ले जाने में काफी पापड़ बेलने पड़ते थे और एक डिलीवरी के लिए तीन चार एक्स्ट्रा लड़कियां साथ ले जानी पड़ती थी। तब ग्राहक एक पसंद करते और अपने साथ ले जाते थे, मगर अब तो उनके पास आप्शन है। वे अब व्हाट्सएप्प के जरिए लड़कियों की तस्वीरें भेज देते हैं और कॉलर भी अपनी कॉल के लिए च्वाइस कर उन्हें मैसेज के जरिए बता देता है। इससे वही उसके पास भेज दी जाती है।

नौकरी के नाम पर लाते हैं लड़कियां

पुलिस की पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि सेक्स रैकेट में शामिल जितनी भी लड़कियों को लाया जाता है। उन्हें नौकरी के नाम पर रांची लाया जाता है। जब वे यहां आ जाती हैं तो उन्हें धंधे पर बिठा दिया जाता है। उनसे उनके मोबाइल भी छीन लिए जाते हैं, ताकि वो परिजनों से संपर्क नहीं कर सकें। इनमें कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जिनके पति नहीं होते हैं और घर में खाने के लाले पड़े रहते हैं।