RANCHI: रांची में सफेदपोशों के संरक्षण में सेक्स रैकेट चल रहा है। यहां जिस्मफरोशी की कमाई सालाना पांच करोड़ है। इसमें आधी राशि एजेंट व धंधे से जुड़ी लड़कियों को मिल जाती है। राजधानी में जिस्म का कारोबार करनेवाले अधिकतर लोग 'माल' को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए लग्जरी कारों का इस्तेमाल करते हैं। यह खुलासा लोअर बाजार थाना पुलिस द्वारा पकड़े गए एजेंट राजन सिंह से पूछताछ में हुआ है। यह भी पता चला है कि सेक्स रैकेट केवल राजधानी में ही नहीं, बल्कि रामगढ़, हजारीबाग से लेकर रूरल एरियाज में भी चल रहा है, जहां के कस्टमर व्हाट्सएप्प पर या कॉल करके कांटैक्ट करते हैं। इसके बाद तय कीमत लेकर कॉल गर्ल को उन तक पहुंचा दिया जाता है।

कॉलगर्ल की बढ़ी डिमांड

कॉलगर्ल की मांग रांची के पॉश इलाके, मशहूर होटलों, फ्लैट व रूरल एरियाज में बढ़ी है। एजेंट की बात मानें तो कॉलगर्ल की इच्छा रखनेवाले अधिकतर कस्टमर्स नौकरी पेशा, व्यवसायी, नेता और युवा वर्ग जैसे कॉलेज के युवक, हॉस्टल में रहनेवाले युवक शामिल हैं। ये ऐसे लोग हैं, जो वीकेंड मनाने रांची आते हैं।

किराए के फ्लैट में धंधा

कॉलगर्ल का धंधा रांची में फ्लैट किराए पर लेकर चलाया जा रहा है। डोरंडा, व‌र्द्धमान कंपाउंड, बरियातू के एदलहातू, रातू रोड के देवी मंडप रोड, कटहलमोड़, नामकुम, कोकर, बूटी मोड़ आदि इलाकों में दलाल लड़कियां लेकर हाजिर रहते हैं।

खुद को बताती हैं कॉलेज गर्ल

जब कॉलगर्ल धंधा करने के लिए उतरती हैं, तो कई ग्राहक उसके घर के बारे में पूछते हैं। ऐसे में लड़कियां खुद को रांची के हॉस्टल में रहने की बात कहती हैं और रांची के किसी कॉलेज, स्कूल की छात्रा बताती हैं।

क्भ् हजार में फुल टाइम

व्हाट्सएप्प ग्रुप पर चलनेवाले इस धंधे में कई जगहों से लड़कियों को बुलाया जाता है। इन लड़कियों को बारी-बारी से ग्राहकों के पास भेजा जाता है। धंधे में दो शर्त रखी जाती है-फुल टाइम या शार्ट कट। शार्ट कट में पैसे कम लगते हैं, जबकि फुल टाइम की कीमत आठ से लेकर क्भ् हजार रुपए तक वसूलते हैं।

कोलकाता, मुंबई व सूरत की लड़कियां

एजेंट अनूप सिंह के मुताबिक, उसके पास अधिकतर लच्छीपुर(पश्चिम बंगाल), कोलकाता, सूरत, मुंबई रेड लाइट एरियाज से लड़कियों को लाया जाता है। उन्हें दलाल अपने रिश्तेदारों के घरों में बहन बनाकर, मित्र बनाकर, रिश्तेदार बता कर ठहराते हैं, ताकि किसी को कोई शक नहीं हो। दलालों को कॉलगर्ल भैया कहकर पुकारती हैं, लोगों को यह लगे कि सच में दोनों रिश्तेदार हैं।

हफ्ते भर में भ्0 हजार लेकर लौटती हैं

कोलकाता से आई लड़कियां कहती हैं कि एक सप्ताह के दौरान उन्हें एजेंट से ब्0 से भ्0 हजार रुपए मिल जाते हैं। वे लोग पैसे लेकर घर चली जाती हैं, फिर वे दोबारा उस स्थान पर नहीं जाती हैं, जहां उनकी पहचान बन जाती हो। कॉलगर्ल को धंधे के पहले पैकेट में चावल, चिकेन, मटन आदि खाना दे दिया जाता है।

रांची में शादीशुदा महिलाएं भी धंधे में

कोतवाली पुलिस ने हाल के दिनों में सेक्स रैकेट का खुलासा किया था। उनमें से एक दलाल ने कोतवाली पुलिस को बताया था कि रांची की शादीशुदा महिलाएं भी इस धंधे से जुड़ी हैं। पति के ऑफिस जाने के बाद वो चेहरे पर नकाब पहन कर खुद इस धंधे में लग जाती हैं। बदले में उन्हें जो राशि मिलती है, उससे उनका अपना और घर का खर्च चलता है।

लोअर बाजार पुलिस ने आरोपियों को भेजा जेल

लोअर बाजार थाना पुलिस ने जिन तीन आरोपियों को सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में पकड़ा था। शनिवार को उन्हें जेल भेज दिया गया। गौरतलब हो कि लोअर बाजार थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर सेक्स रैकेट चलानेवाले सरगना राजन सिंह, फूड बेले के मैनेजर मनोज तथा दलाल सोनू कुमार को गिरफ्तार किया था।