शनिवार यानि कि आज चैत्र अमावस्या है। शनि अमावस्या शनि जयंती के समान ही महत्वपूर्ण होती है शनिदेव का जन्म भी शनि अमावस्या को हुआ था। कहा जाता है शनि अमावस्या पर पूजा-पाठ से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनि अमावस्या को लेकर शहर के शनि मंदिरों में भी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शहर के वेस्ट एंड रोड, बच्चा पार्क, सूरजकुंड, शास्त्रीनगर आदि जगहों पर शनि मंदिरों में विशेष पूजा- पाठ की तैयारियां की गई हैं।

 

शनि का बीज मंत्र

ऊँ शं शनैश्चराय नम:

- इस मंत्र का जाप 108 बार करने से शनिदेव प्रसन्न होते है।

शनि अमावस्या आज,यूं करेंगे आराधना,तो जिंदगी में होगा मंगल ही मंगल

ये हैं उपाय

चंद्रमा भी कुम्भ राशि पर होंगे इसलिये मिट्टी के घड़े व सुराही में पानी भरकर पश्चिम दिशा में रखकर शनिदेव को अर्पण करे ताकि अच्छे कामों में शनिदेव विलंब ना कर पाएं, सब कार्य सही समय पर हो।

 

आठ अखरोट शिवलिंग पर अर्पित कर दें ताकि शनि के गुरु भगवान शिव सदा शनि व उनके भाई यम की अशुभ तरंगों से रक्षा कर सकें।

 

इन जातकों के लिए रहेंगे शुभ

यह शनि अमावस्या कुछ राशि के लिए शुभ रहेगी। इसका असर वट सावित्री अमावस्या तक रहता है वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ राशियों के लिए शनि अमावस्या शुभ रहेगी।

 

ये जातक बचकर रहें

मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन इन राशि के जातकों के लिये यह अमावस्या थोड़ी अशुभ होगी। इस राशि के जातक थोड़ा बच कर रहें।

 

वर्जन-

जिस जातक पर शनि की दशा चल रही हो, वह व्यक्ति शनिवार को काले व हरे रंग के कपड़े पहने से बचने का प्रयास करे अन्यथा शनि का कुप्रभाव पड़ेगा।

पं। भारत भूषण

 

वट वृक्ष अथवा बड़ बरगद की जड़ में मीठा दूध डालकर उससे भीगी मिट्टी का तिलक लगाना मंगल जनित होता है, ये शुभ प्रभावों को इतना बढ़ा कर देता है कि शनि के कुप्रभाव दब जाते हैं।

पं। दिनेश नौटियाल

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