- अपनी उच्च की राशि तुला को छोड़कर मंगल की वृश्चिक राशि में जाएंगे शनि

- रातों-रात बदल सकता है भाग्य, कहीं मिलेगी खुशी तो कहीं गम करेगा परेशान

<- अपनी उच्च की राशि तुला को छोड़कर मंगल की वृश्चिक राशि में जाएंगे शनि

- रातों-रात बदल सकता है भाग्य, कहीं मिलेगी खुशी तो कहीं गम करेगा परेशान

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: बस कुछ घंटे की बात है। इसके बाद आपका भाग्य रातों-रात बदल सकता है। चौंकने की बात नहीं है, दरअसल शनि ढाई साल बाद अपनी उच्च की राशि तुला को छोड़कर कल मंगल की वृश्चिक राशि में पहुंच रहे हैं। इस एक घटना से कईयों का भाग्य प्रभावित होगा। ज्योतिषाचार्यो की मानें तो उन्माद और आतंकवादी घटनाओं में भी बढ़ोतरी होने के पूरे योग हैं, जिससे विश्वभर के सभी देश आतंकी संगठनों के खिलाफ एक मंच पर साथ आ सकते हैं।

ढाई साल में अपनी राशि बदलते हैं शनि

न्याय के राजा शनि हर ढाई साल में अपनी राशि बदलते हैं। इससे पहले क्भ् नवंबर ख्0क्क् को शनि ने कन्या राशि छोड़कर तुला राशि में प्रवेश किया था। इस बार वह दो नवंबर को रात दस बजकर ब्म् मिनट पर अपनी उच्च की तुला राशि को छोड़कर मंगल की वृश्चिक राशि में पहुंचेंगे। शनि का राशि परिवर्तन हमेशा ही बड़ा परिवर्तन लाता है। इस बार यह बदलाव मंगल की राशि में है। मंगल का भूमि, भवन, लाल रंग की वस्तुओं, जोश और उन्माद पर आधिपत्य है। जबकि शनि का संबंध ऑयल, मशीनरी, न्यायालय और काले रंग से होना माना जाता है।

मुसीबत बन सकता है उन्माद व आतंकवाद

शनि जिस राशि में होते हैं, उसमें वृद्धि करते हैं। इसलिए आने वाले ढाई सालों में पूरे विश्व और भारत में भूमि, भवन के कारोबार में बढ़ोतरी होगी। आतंकवादी और उन्माद की घटनाओं में वृद्धि होगी। गुरु जब तक कर्क राशि में बैठकर शनि को अपनी पंचम दृष्टि से देख रहा है तब तक उन्माद की स्थिति नियंत्रण में रहेगी और उसके बाद पूरे विश्व में उन्माद व आतंकवादी घटनाएं मुसीबत बनकर सामने आएंगी। इन्ही ढाई सालों में आतंकवाद के खिलाफ सभी देश खुलकर एक साथ आ सकते हैं।

इन राशियों को मिलेगी साढ़े साती से मुक्ति

राशि परिवर्तन से कन्या राशि के साढ़े साती से मुक्त होने पर लोग राहत की सांस लेंगे। कर्क और मीन राशि वालों को शनि की ढैया से मुक्ति मिलेगी। इसके उलट धनु राशि पर साढ़े साती लगेगी और मेष व सिंह राशियां शनि की ढैया से पीडि़त होंगी। कालपुरुष की कुंडली के अष्टम भाव में शनि का आना नए शोध कार्य को इंगित करता है। अर्थात आने वाले ढाई सालों में विश्व को कोई नया आविष्कार मिल सकता है।

राशि परिवर्तन का क्या होगा प्रभाव

मेष- शनि आपकी राशि से अष्टम भाव में आ जाएंगे। जिससे ढाई वषरें के लिए ढैया आरंभ हो जाएगी। जो शुभ नहीं कही जा सकती। ऐसे में अनावश्यक तनाव और नौकरी पर दबाव बढ़ेगा। स्थानांतरण हो सकता है।

क्या ना करें- बड़े निवेश, बॉस से तनाव, कमर पीठ और पैर की परेशानी से बचें।

क्या करें- शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं, शनि शांति करवाएं, हनुमानजी की अराधना करें।

मीन- शनि की ढैया से मुक्त होने पर आपका भाग्य बदल सकता है। मनपसंद नौकरी व प्रमोशन मिलने के चांस हैं। विदेश में नौकरी भी मिल सकती है।

क्या ना करें- झूठी गवाही, गुरु का अनादर, मांस मदिरा का सेवन।

क्या करें- हवन करें अथवा करवाएं, आय का कुछ भाग धर्म में लगाएं, केसर का तिलक लगाएं, गुरुवार को बाल न कटवाएं।

कुंभ- शनि आपकी राशि के दशम स्थान पर गोचर करेगा जो अच्छा फल नहीं देगा। नौकरी जा सकती है, व्यापार में गिरावट आएगी, जीवन साथी से अनबन हो सकती है।

क्या ना करें- जीवन साथी और बॉस से विवाद। जुआ, शेयर लाटरी।

क्या करें- धार्मिक पुस्तक पढ़ें, शनि, राहु, केतु की शांति करवाएं व चीटी को चारा खिलाएं।

मकर- शनि आपकी राशि के एकादश भाव में स्थिर रहेगा जो अच्छा फलित होगा। देवगुरु और शनिदेव की दृष्टि आपके लिए शुभ और सफलता दिलाने वाली है।

क्या ना करें- संतान के प्रति लापरवाही, धन कमाने में घर न भूलें, किसी का अनादर।

क्या करें- शिव की आराधना करें, आय का कुछ भाग धर्म पर खर्च करें, गुरु तुल्य की सेवा करें।

धनु- यह परिवर्तन आपके लिए साढ़े साती लेकर आया है जिसका अर्थ है अपने कर्मो का फल मिलना। यानी जो बोया है वह काटना होगा। किसी पचड़े में फंसे तो कलंक लग सकता है।

क्या ना करें- अनैतिक कार्य, मांस मदिरा का सेवन, धन कमाने में ठगी।

क्या करें- पीपल के नीचे शनिवार को दीपक जलाएं, शनि के वैदिक मंत्रों द्वारा शांति पाठ कराएं, सुंदरकांड का नियमित पाठ करें।

वृश्चिक- शनि राशि का यह परिवर्तन आपकी राशि के लिए सबसे बड़ा हैं, क्योंकि शनिदेव आपकी राशि में ढाई साल रहेंगे और यह आपकी राशि के लिए साढ़े साती का दूसरा चरण होगा।

क्या ना करें- विवाद, देरी से पचने वाला भोजन, अनावश्यक तनाव, अनैतिक कार्य।

क्या करें- नियमित बजरंग पाठ व वैदिक मंत्रों से शनि की शांति कराएं।

तुला- आपकी साढ़े साती अब अंतिम पड़ाव पर है। जिसने आपको बहुत कुछ सिखाया है, इसलिए अब समय है अपने अंदर बदलाव लाने का।

क्या ना करें- मांस मदिरा का सेवन, गलत तरीके से धन कमाना, अनावश्यक गुस्सा।

क्या करें- शनि शांति करवाएं व आय का कुछ भाग धर्मकार्य में खर्च करें।

कन्या- पराक्रम और शानौ शौकत में वृद्धि होगी, तनाव मुक्त होंगे, धर्म पर खर्च करेंगे। विदेश यात्रा का योग है।

क्या ना करें- विकलांग का मजाक, मांस मदिरा का सेवन, गुरु तुल्य का अनादर।

क्या करें- आय का कुछ भाग धर्म पर खर्च करें व राहु केतु की शांति कराएं व पेड़ लगाएं।

सिंह- आप ढैया से पीडि़त होने वाले हैं। यह समय कर्म फल देने वाला है। अच्छा कर्म किए होंगे तो भविष्य में भूमि, भवन व वाहन होंगे।

क्या ना करें- मांस मदिरा का सेवन, उधार देना, कार्यक्षेत्र में अपशब्द बोलना।

क्या करें- उगते सूर्य का नियमित दर्शन व हनुमान चालीस व बजरंग बाण का नियमित पाठ करें।

कर्क- शनि आपकी राशि से पंचम भाव में आ जाएंगे। आप ढैया मुक्त होंगे जिससे स्थिति लाभकारी बनेगी। भाग्य का साथ मिलेगा।

क्या ना करें- मांसाहार, झूठ बोलना, पानी की बर्बादी।

क्या करें- श्वेत वस्त्र पहनें, धार्मिक बनें व हवन करें।

मिथुन- लोन लेने के लिए उपयुक्त समय है। लंबी यात्राएं होंगी। बड़े अनुष्ठान होंगे। विरोधी मुंह की खाएंगे।

क्या ना करें- लंबी दूरी की यात्रा में वाहन खुद न चलाना, मित्रों से मनमुटाव, फिजूलखर्ची।

क्या करें- धर्म के मार्ग में धन खर्च करें, झूठ न बोलें व इमानदार बनें।

वृष- इस बदलाव से शनि आपकी राशि से सप्तम भाव में आ जाएंगे। जिसे शुभ श्रेणी में ही रखा जाएगा।

क्या ना करें- शनिदेव को अप्रसन्न, मांस मदिरा, किसी को अपशब्द कहना।

क्या करें- गाय की सेवा करें, काले कुत्ते की सेवा करें व माता की अराधना करें।

-शनि का राशि परिवर्तन कईयों का भाग्य बदलेगा। साढ़े साती या ढैया की शुरुआत होने पर घबराना नहीं चाहिए, अच्छे कर्म करने से फल भी अच्छे मिलते हैं। धर्म कार्यो में लिप्त रहने से कष्ट कम होते हैं। यह परिवर्तन विश्व स्तर पर भी बड़े बदलाव लाएगा।

अमित बहोरे, ज्योतिषाचार्य