PATNA : इंजीनियर बनने का सपना लिए इस दुनिया से विदा हो चुकी एनआईटी थर्ड इयर की स्टूडेंट शिखा शुक्ला लंबे समय से डिप्रेशन की शिकार थी। सब कुछ होने के बाद भी वो खुद को अकेली मानने लगी थी। यही अकेलापन उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। जिस कारण वो लंबे समय से डिप्रेशन की शिकार चल रही थी। इससे निजात पाने के लिए वो एंटी डिप्रेशन की दवाईयां ले रही थी। लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है, वो चौंकानेवाला है। बताया जा रहा है कि शिखा ने एंटी डिप्रेशन मेडिसिन की ओवर डोज लेनी शुरू कर दी थी। जीने की इच्छा ही उसकी खत्म हो गई थी। यही कारण था कि जैसे ही उसने खुद को हॉस्टल के कमरे में अकेले पाया, उसने सुसाइड कर लिया। उस वक्त उसकी रूम मेट प्रेरणा विश्वास एग्जाम देने गई थी। कॉलेज के मनोचिकित्सक से भी उसका ट्रीटमेंट चल रहा था। पिछले दो महीने से वो कुछ ज्यादा ही परेशान थी।

- कानपुर भी चल रहा था इलाज

शिखा शुक्ला कोई एक-दो महीने से डिप्रेशन की शिकार नहीं थी। बल्कि वो लंबे समय से डिप्रेश रह रही थी। फर्रूखाबाद की रहनेवाली शिखा का कानपुर के एक साइकेट्रिस्ट से उसका ट्रीटमेंट पहले से चल रहा था।

- बीमार होने की दी गई थी सूचना

बुधवार की शाम करीब म् बजे कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से शिखा के पिता विजय कुमार शुक्ला को कॉल किया गया था। शिखा के गंभीर रूप से बीमार होने की जानकारी उन्हें दी गई। विजय सरकारी नौकरी में हैं। सूचना मिलते ही वो वाइफ और एक बेटी को लेकर फर्रूखाबाद से पटना के लिए निकल गए। शिखा की फैमिली फर्रूखाबाद के कोतवाली थाना के तहत जोगराम स्ट्रीट में रहती है।

- बेटी ने किया है सुसाइड

फैमिली के साथ बेटी को देखने विजय कुमार शुक्ला गुरुवार की सुबह पटना पहुंचे। तब उन्हें बेटी के सुसाइड करने की जानकारी मिली। जिसके बाद पूरी फैमिली का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। पीरबहोर थाने की पुलिस को दिए अपने बयान में पिता ने माना कि उनकी बेटी डिप्रेशन की शिकार थी और उसने सुसाइड किया है। पिता की मानें तो उसे कभी हॉस्टल में अकेले रहने को नहीं कहा था। इसके लिए कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को पहले एक आवेदन दिया गया था।

शिखा की डायरी मिली है। जिसके पेज नंबर ब् पर डिप्रेशन की बात लिखी है। कानपुर के मनोचिकित्सक से भी उसका इलाज चलता था। हालांकि पूरे मामले की जांच की जा रही है।

चंदन कुशवाहा, सिटी एसपी, सेंट्रल