बड़े-बड़े मास्टर खाते थे खौफ

मैच के दौरान कमेंट्री कर रहे शोएब अख्तर ने जब किंग्स इलेवन पंजाब के बॉलर लक्ष्मीपति बालाजी को गेंदबाजी करते हुए देखा तो उन्हें अपने पुराने दिन याद आ गए. अख्तर ने कहा कि बालाजी को देखकर आज भी वो दिन याद आ जाते हैं, जब वो मेरी गेंदों को खड़े-खड़े दिल चाही जगह मार रहा था और मैं कुछ नहीं कर पा रहा था. वो दौर जब दुनिया का हर मास्टर बलास्टर बैट्समैन शोएब अख्तर की गेंदों से खौफ खाता था लेकिन बालाजी उनमें नहीं थे, बल्कि इस बॉलर ने वनडे सीरीज के दौरान शोएब अख्तर की गेंदों पर वो किया जिसकी उम्मीद शायद सहवाग और सचिन जैसे दिग्गजों से की जाती थी.

क्या चमतकारी किया बालाजी ने

वो किस्सा है भारत के 2004 के पाकिस्तान दौरे का. बालाजी जब उस सीरीज के तीसरे वनडे में बल्लेबाजी करने उतरे तब भारतीय टीम में सिर्फ युवराज के बल्ले से ही अर्धशतक निकला था और शोएब की रफ्तार कहर ढा रही थी. तभी 48वें ओवर में बालाजी बल्लेबाजी करने आए और अख्तर के उस ओवर में अपनी दूसरी और तीसरी गेंद पर दो लगातार चौके जड़कर फैंस को झूमने पर मजबूर कर दिया. मैदान पर सब सन्न थे. इसके बाद सीरीज के अंतिम व पांचवें वनडे में भी बालाजी को आखिरी के दो ओवर ही खेलने को मिले और एक बार फिर जैसे ही अख्तर सामने आए तो अंतिम ओवर की पहली ही गेंद पर उन्होंने छक्का जड़ दिया. हालांकि जवाब में अख्तर ने अगली ही गेंद पर बालाजी का बल्ला भी तोड़ दिया था.

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