डॉ। विनोद आर्या केस के खुलासे की तरह इस केस में भी पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठने शुरु हो गये हैं। वारंट बी के तहत राजधानी में सीजेएम कोर्ट की पेशी पर आये सैफी हत्याकांड के आरोपी शूटर सलीम और रुस्तम ने इलेक्ट्रानिक मीडिया से बातचीत के दौरान खुद के घटना में शामिल होने की बात से इंकार किया है।

वहीं राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त इंतेजार आब्दी उर्फ बॉबी का नाम लेने की बात से भी सलीम मुकर गया। सलीम का कहना है कि दिल्ली में पुलिस ने उससे बॉबी का नाम लेने के लिए प्रेशर डाला था। जिसकी वजह से उसने बॉबी का नाम लिया था। यूपी पुलिस ने इसी बयान के तहत बॉबी को 18 जून को अरेस्ट कर लिया था। पुलिस ने बॉबी को आईपीसी के सेक्शन 147,148, 149, 302, 120 बी और 7 क्रिमनल लॉ एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था।

shooters take u - turn

पुलिस ने सैफी की हत्या के पीछे बॉबी का हाथ बताते हुए कहा था कि उसकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण बॉबी ने सैफी का कत्ल कराया था। लेकिन आज कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपी शूटरों द्वारा दिये गये बयान ने राजधानी पुलिस के लिए नयी मुसीबत पैदा कर दी है।

CMO murder case में भी मात खा चुकी है

पूर्व सीएमओ परिवार कल्याण डॉ। विनोद आर्या की हत्या के आरोप में पकड़े गये दो शूटरों के बारे में भी पुलिस ने कुछ इसी तरह की कहानी बतायी थी और घटना के पीछे पूर्वांचल के माफिया अभय सिंह का नाम लिया था। पुलिस ने मुख्य शूटर सुधाकर पाण्डेय को बताया था.  जिसे पुलिस घटना के आठ महीने के बाद भी नहीं अरेस्ट कर पायी है। वहीं डॉ। बीपी सिंह की हत्या में शामिल दो शूटरों को एसटीएफ ने पकड़ा तो उन्होंने भी बता दिया कि डॉ। विनोद आर्या की हत्या में भी वह शामिल थे। ऐसे में दोनों सीएमओ का असली कातिल कौन है इसका जवाब पुलिस के पास नहीं है। अब शूटरों के ताजा बयान ने भी उनके लिए मुसीबत बढ़ा दी है।

विरोधियों ने फंसाया

इस दौरान पुलिस द्वारा हत्या के आरोप में अरेस्ट किये गये इंतेजार आब्दी के भाई इश्तियाक आब्दी उर्फ राजू ने आरोप लगाया है कि मेरे भाई को कुछ विरोधियों के इशारे पर पुलिस अधिकारियों की मदद से फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उनके भाई को फंसाया है। उन्होंने इसमें एक केंद्रीय मंत्री के भी हाथ होने की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास मेरे भाई के खिलाफ कोई सुबूत नहीं था। उन्होंने कहा कि पुलिस भी कांग्रेसियों के इशारों पर काम कर रही है। राजधानी पुलिस ने बिना वारंट बी के ही सिर्फ एक सीडी के आधार पर मेरे भाई को फंसा दिया।

हर दिन बदलती रही पुलिस की थ्योरी

दो मार्च को सैफी की हत्या के  करीब दो महीने बाद पुलिस ने घटना का खुलासा करने का दावा किया था। एएसपी सिटी वेस्ट ललित कुमार और सीओ चौक पीयूष रंजन श्रीवास्तव ने मम्मू और शहजाद नाम के दो युवकों के हत्या में शामिल होने का खुलासा करते हुए जुए के लिए हत्या की बात कही थी। पुलिस ने सैफी की हत्या सलीम और रुस्तम द्वारा किये जाने की बात कही थी। पुलिस ने हत्या के पीछे मकसद जुआ से कमाई करना बताया था।

फिर कुछ ही दिन बाद पुलिस की थ्योरी बदल गयी और घटना में बॉबी के इंवाल्व होने की बात सामने आने लगी। 18 जून को पुलिस ने बॉबी को अरेस्ट कर के जेल भेज दिया लेकिन पुलिस का कोई भी अधिकारी आधिकारिक रुप से घटना का मोटिव बताने के लिए सामने नहीं आया। पूर्व में अरेस्ट किये गये दोनों आरोपी मम्मू और शहजाद जमानत पर रिहा भी हो गये.वारंट बी के तहत दिल्ली से लखनऊ लाये गये सलीम और रुस्तम को पेशी के बाद सीजेएम कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सिटी पुलिस फ्राईडे को इनकी रिमांड के लिए कोर्ट में अप्लीकेशन देगी।