छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोमवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब शिशु रोग विभाग में अचानक शॉर्ट-सर्किट होने लगा। मामला सीधे शिशु रोग विभाग से जुड़ा हुआ था, इसलिए अधीक्षक भी तत्काल मौके पर पहुंचे और इसपर काबू पाया। दरअसल, शिशु रोग विभाग में 10 बेड के एनआइसीयू (न्यू बोर्न इंटेसिव केयर यूनिट) की स्थापना की गई है। उसके ऊपरी तल्ले पर महिला एवं प्रसूति विभाग का शौचालय है जिसका पानी एनआइसीयू में टपक रहा है। इसी क्रम में पानी और बिजली का संपर्क होने से शॉर्ट-सर्किट होने लगा। इससे पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।

किया जा रहा दुरूस्त

अधीक्षक से लेकर शिशु रोग विभाग के सभी चिकित्सक, नर्स व प्रशासनिक विभाग के कर्मचारी जुट गए। तत्काल प्लंबर को बुलाकर पानी का कनेक्शन बंद कराया गया। इसे दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है। एनआइसीयू विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि इससे पूर्व भी एक बार शॉर्ट-सर्किट हो चुका है। अगर इसे ठीक नहीं कराया गया तो बड़ी घटना हो सकती है। एमजीएम अस्पताल में अग्निशमन मशीन का न होना चिंता का विषय है। इसे भी गंभीरता से लिया गया। एनआइसीयू में कुल आठ नवजात बच्चे भर्ती हैं। इस मौके पर एमजीएम कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ। एएन मिश्रा भी उपस्थित थे।

मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति

घटना के बाद कर्मचारियों में काफी आक्रोश देखा गया। कर्मचारियों का कहना था कि हाल ही में एमजीएम अस्पताल का मरम्मतीकरण हुआ है। इसके बावजूद भी पानी टपकना जांच का विषय है। कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि मरम्मतीकरण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है। एनआइसीय विभाग के फर्श पर काई लग चुका है। अगर सही ढंग से मरम्मत हुई होती तो परिणाम यह नहीं होता।