- शहर को हर रोज 200 मिलियन लीटर से ज्यादा पानी की है जरूरत

- करीब 110 मिलियन लीटर पानी ही मिल पा रहा है शहर को

- लाइन लॉसेज में बर्बाद हो जाता है काफी पानी

देहरादून

गर्मी बढ़ने के साथ ही देहरादून में वाटर सप्लाई भी बुरी तरह से लड़खड़ा गई है। हालांकि वाटर सप्लाई के लिए जिम्मेदार जल संस्थान शहर में भरपूर पानी देने के दावे कर रहा है, लेकिन विभिन्न स्रोतों से मिल रहे पानी की स्थिति पर गौर करें तो जल संस्थान के ये दावे पूरी तरह से गलत साबित हो जाते हैं। वास्तव में शहर की करीब 6 लाख की आबादी और बड़ी संख्या में पशुओं के साथ अन्य विभिन्न कार्यो के लिए हर रोज मात्र 110 मिलियन लीटर पानी ही मिल पा रहा है। शहर में हर रोज पानी की जरूरत 200 मिलियन लीटर से अधिक आंकी गई है।

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जल संस्थान के दावे गलत

जल संस्थान के अधिकारियों का दावा है कि शहर को प्रतिदिन 200 मिलियन लीटर पानी दिया जा रहा है, जो कि लगभग शहर की जरूरत के बराबर है। अधिकारियों के अनुसार शहर को 30 प्रतिशत पानी सरफेस सोर्सेज से और 70 प्रतिशत ट्यूबवेलों से मिलता है। सरफेस सोर्सेज से कुल 33 एमएलडी (मिलियन लीटर पर डे) पानी मिल रहा है, इसका मतलब यह है कि ट्यूबवेलों से 70 परसेंट यानी 77 मिलियन लीटर पानी ही उपलब्ध हो पा रहा है। जो शहर की कुल जरूरत के आधे के आसपास है।

लाइन लॉसेज भी कम नहीं

जल संस्थान में उपलब्ध हो रहे पेयजल का एक अच्छा-खासा हिस्सा लाइन लॉसेज में भी चला जाता है। हालांकि जल संस्थान के पास लाइन लॉसेज का कोई स्पष्ट आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन अधिकारी मानते हैं कि विभिन्न निर्माण एजेंसियों द्वारा किये जाने वाले कामों के दौरान पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिसे ठीक करने तक के दौरान काफी पानी बर्बाद हो जाता है। यदि लाइन लॉसेज में बर्बाद होने वाले इस पानी को कुल उपलब्ध पानी की मात्रा से हटा दिया जाये तो शहर को मिलने वाले पानी की मात्रा जरूरत से आधे से भी कम हो जाती है।

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सरफेस सोर्सेज से मिलने वाला पानी

बांदल क्0 एमएलडी

मासी फॉल 8 एमएलडी

गिलोगी 7 एमएलडी

बीजापुर 8 एमएलडी

कुल फ्फ् एमएलडी

ट्यूबवेलों की संख्या

बड़े ट्यूबवेल क्8क्

छोटे ट्यूबवेल 79

जल स्रोतों से कम होने लगा पानी

गर्मी बढ़ने के साथ ही सरफेस सोर्सेज और ट्यूबवेलों से उपलब्ध होने वाले पानी की मात्रा में भी कमी आती जा रही है। बांदल जल स्रोत का पानी अब 7 एमएलडी से कम होने की संभावना है। अन्य स्रोतों की स्थिति अभी तक ठीक है, लेकिन आने वाले दिनों में इनमें भी पानी की उपलब्धता कम होने की आशंका है। इसके अलावा ग्राउंड वाटर लेबल कम होने से कुछ ट्यूबवेलों से भी पानी कम होने लगा है। फिलहाल कोलागढ़ और डोभालवाला के ट्यूबवेल से बहुत कम पानी मिल रहा है। डोभालवाला ट्यूबवेल की क्षमता 800 लीटर प्रति मिनट से घटकर फ्00 लीटर प्रति मिनट रह गई है।

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पानी की कमी वाले प्रमुख क्षेत्र

जल संस्थान ने पानी कमी वाले कुछ क्षेत्रों को चिह्नित किया है। अधिकारियों का कहना है कि ये पाइप लाइन के टेल एरिया हैं, जिससे यहां तक पानी कम पहुंच पाता है। इनमें नदी किनारे वाली बस्तियां, पूरण बस्ती, संजय कॉलोनी, बलवीर रोड, नेताजी मोहल्ला, पट्टा बस्ती, विजय कालोनी का कुछ क्षेत्र, ब्रिजलोक कालोनी आदि शामिल हैं।

वर्जन

गर्मियों में पानी की थोड़ी कमी हो जाती है, लेकिन फिलहाल पानी आपूर्ति की स्थिति पूरी तरह से ठीक है। करीब ख्00 एमएलडी पानी उपलब्ध है और इतनी ही शहर की जरूरत भी है। आने वाले दिनों में कोई दिक्कत नहीं होने वाली है। हर रोज पानी की स्थिति के आंकड़े मैं आपको नहीं दे सकता।

एसके गुप्ता

मुख्य महाप्रबंधक

जल संस्थान