-पूर्व में पचास हजार के माल पर हुई थी ई वे बिल की व्यवस्था

क्कन्ञ्जहृन्: आज से राज्य के अंदर माल ढुलाई का नियम बदल जाएगा। अब राज्य के अंदर 2 लाख रुपए से अधिक मूल्य के करयोग्य माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल लागू कर दिया गया है। 20 अप्रैल बदले इस नियम से कई बदलाव हो गया है। सरकार ने इसके पूर्व एक अप्रैल से 50 हजार से अधिक मूल्य के मालों के अन्तरराज्यीय परिवहन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था लागू की थी। सरकार ने कारोबारियों से अपील की है कि इस नई व्यवस्था में वह सहयोग करें जिससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं होने पाए।

ई वे बिल करें जेनरेट

नई व्यवस्था लागू करने के एक दिन पूर्व गुरुवार को उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील मोदी ने कारोबारियों व ट्रांसपोर्टर से अपील किया है कि राष्ट्रीय ई-वे बिल पोर्टल से बिल जेनरेट करने के बाद ही मालों का परिवहन करें वरना पकड़े जाने पर दंडित हो सकते हैं। राज्य के अंदर एलपीजी, पेट्रो केमिकल्स, ज्वेलरी, किरासन तेल, खाद्यान्न तथा घरेलू सामानों के परिवहन के लिए ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होगी।

284 ट्रांसपोर्टर रजिस्टर्ड

डिप्टी सीएम ने कहा कि राज्य में अबतक 23,715 करदाता और 284 ट्रांसपोर्टर निबंधित हैं तथा 43,188 ई-वे बिल जेनरेट किए जा चुके हैं। ई-वे बिल जेनरेट करने के 72 घंटे या माल प्राप्ति जो पहले हो, के अंदर प्राप्तकर्ता के द्वारा उक्त ई-वे बिल को स्वीकार या अस्वीकार किया जा सकता है। राज्य के अंदर माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की वैधता समान्यत:100 किमी तक की दूरी के लिए एक दिन है परंतु हर 100 किमी या उसके बाद के हिस्से के लिए एक अतिरिक्त दिन मान्य होगा।