- जिला महिला अस्पताल की समस्याएं नहीं हो रहीं दूर

- एसआईसी को नहीं पड़ता कोई फर्क, प्रेशर का दे रहीं हवाला

GORAKHPUR : जिला महिला अस्पताल की समस्याएं दूर नहीं हो रही। पेशेंट, तीमारदार के साथ-साथ कर्मचारी भी परेशान हैं। कोई परेशान हो रहा है तो होता रहे। इससे जिम्मेदारों को कुछ लेना देना नहीं। कर्मचारी और डॉक्टर्स सब अपने हिसाब से काम कर रहे हैं। एसआईसी का कहना है संसाधनों की कमी है। लोग झूठ में ही बवाल करते हैं।

डॉक्टर की किल्लत, टेक्निशियन नदारद

जिला महिला अस्पताल में रोजाना करीब दो सौ मरीजों की ओपीडी होती है। औसतन 10 गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया जाता है। बावजूद इसके जिला महिला अस्पताल में कोई सीनियर डॉक्टर नहीं है। हेल्थ पोस्ट पर तैनात दो आयुष डॉक्टर्स ओपीडी संभाल रहीं हैं। प्रशासनिक अधिकार होने के बावजूद एसआईसी कर्मचारियों की समस्याएं तक नहीं दूर कर पा रहीं हैं। अल्ट्रासाउंड में दो की जगह एक रेडियोलाजिस्ट हैं। वेंस्डे को रेडियोलाजिस्ट डॉक्टर बीपी मल्ल की तबियत खराब होने से अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका। थर्सडे को महिलाओं को अल्ट्रासाउंड में प्रॉब्लम हुई।

कैशबुक गायब होने से पड़ गए लाले

महिला अस्पताल का कैशबुक लेकर कर्मचारी गायब है। कैशबुक न होने से सर्जिकल सामानों की खरीदारी नहीं हो पा रही। जननी सुरक्षा योजना का चेक नहीं बन पा रहा है। एसआईसी चाहतीं तो कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा देतीं, लेकिन उनकी लापरवाही से कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही। इसके अलावा दवाओं की कमी से अस्पताल जूझ रहा है। महिला अस्पताल के लिए जिला अस्पताल से दवाएं उधार लेनी पड़ रही हैं।

इन प्रॉब्लम्स से जूझ रहा अस्पताल

- कैशबुक गायब होने से महत्वपूर्ण काम प्रभावित

- अल्ट्रासाउंड में रेडियोलाजिस्ट की कमी

- किसी सीनियर डॉक्टर की तैनाती नहीं

- ज्यादातर दवाओं की भारी कमी

- न्यू ओपीडी में यूरिनल की व्यवस्था नहीं

- पैथालॉजी में जांच के लिए यूरिनल का दरवाजा नहीं लगा

- कर्मचारी आवास में 15 दिनों से पानी की प्रॉब्लम

आमने-सामने

सवाल: जिला महिला अस्पताल के कर्मचारी पानी के लिए परेशान हैं। आप को जानकारी है?

जवाब: पानी की समस्या एक दिन में थोड़े ही दूर होगी। इसके लिए पत्र लिखा गया है।

सवाल: लोगों ने आज प्रदर्शन किया है। आखिर आप जल्द कार्रवाई क्यों नहीं करती है?

जवाब: कोई गेट पर प्रदर्शन करके चला जाए तो हम क्या करेंगे। आप लोगों को सूचना मिली। हमको तो कुछ भी पता नहीं था।

सवाल: दो दिनों से अल्ट्रासाउंड में प्रॉब्लम हो रही है?

जवाब: हम क्या करें, एक डॉक्टर हैं, बहुत ज्यादा अल्ट्रासाउंड होते हैं। लोग दबाव डालते हैं।

सवाल: डॉक्टर्स की कमी है क्या?

जवाब: डॉक्टर कम हैं। किसी तरह से काम चलाया जा रहा है। बवाल होने से एक डॉक्टर डिप्रेशन में चली गई। वह अस्पताल नहीं आ रही हैं। लोग आकर हमसे झगड़ा करने लगते हैं। कम संसाधनों में किस तरह से काम चलाया जा रहा है। इसको कोई नहीं देखता है।